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पानी का ऊपर सफर करते वक्त हमारे मन में कई तरह के सवाल आते हैं कि जहाज डूबता क्यों नहीं है? अगर डूब जाएं, तो समुद्र के पानी स्वाद इतना खारा होता है कि जहाज समेत शरीर का कोई वजूद नहीं बचता। पर नदी का पानी साफ होता है, पर ऐसा क्यों आइए जानते हैं।

जरा सोचिए…अगर समुद्र का पानी पीने लायक होता…तो देश-विदेश में हो रही पानी की किल्लत खत्म ही हो जाती, क्योंकि हिंदुस्तान का ज्यादातर हिस्सा पानी से घिरा हुआ है। पर क्या फायदा यह पानी पीने लायक नहीं होता…इसका पानी इतना खारा होता है कि पीने से जुबान कट जाती है। इसलिए हमारे घरों में नदियों का पानी आता है, जिसका स्वाद बिल्कुल नॉर्मल होता है।
वहीं, कुछ नदियां ऐसी भी हैं जिनका पानी बहुत ही स्वादिष्ट यानी मीठा होता है। पर कभी आपने सोचने की कोशिश की है कि ऐसा क्यों है? इतना बड़ा अंतर….समुद्र का पानी खारा और नदियों का पानी मीठा…? ऐसे कैसे हो सकता है? तो आइए आज हम इसी विषय पर बात करेंगे और जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर इसके पीछे का विज्ञान क्या है।
समुद्र का पानी खारा क्यों होता है?

यह तो हम सभी को पता होता है कि समुद्र का पानी खारा होता है, लेकिन बहुत कम लोग ऐसे होते हैं, जिन्हें इसके पीछे की वजह पता होती है। बता दें कि पानी खारा होने के पीछे की वजह नमक है। अमेरिका के नेशनल आशियाना और एटमोस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, अगर सभी समुद्रों से पूरा नमक निकाल कर जमीन पर फैला दिया जाए तो उसकी परत 500 मीटर ऊंची हो जाएगी।
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आखिर समुद्रों में इतना सारा नमक कहां आता है?
समुद्रों में नमक आने की दो वजह हो सकती हैं। पहला तरीका यह है कि समुद्रों में सबसे ज्यादा नमक नदियों से आता है। कहा जाता है कि बारिश का पानी थोड़ा अम्लीय होता है, जब यह पानी जमीन की चट्टानों पर पड़ती है, तो उसका अपरदन कर देता है और इससे बनने वाले आयरन नदी के रास्ते समुद्रों में मिल जाते हैं। इससे समुद्र का पानी खारा होता रहता है।
समुद्रों में इतना सारा नमक आने की दूसरी वजह

महासागरों और समुद्रों के पानी में सबसे अधिक क्लोरीन और सोडियम के आयन मौजूद होते हैं। ये दोनों आयन मिलकर महासागरों में घुले आयनों का 85 फीसदी हिस्सा बनाते हैं। इसके बाद मैग्नीशियम और सल्फेट 10 फीसदी हिस्सा बनाते हैं। इनके अलावा बाकी आयनों की मात्रा बहुत कम होती है। इसलिए हमें समुद्र का पानी हमेशा खारा लगता है। (मीठे पानी की झीलों के बारे में कितना जानते हैं आप)
नदी का पानी मीठा क्यों होता है?
कहा जाता है कि समुद्र से भाप उठती है, जिससे बादल बनते हैं। इन बादलों से बारिश होती है और इसी से नदियों और झरनों में पानी आता है। यह बात तो हमने बचपन में पढ़ी ही होगी। इसके बाद नदियों और झरनों के पानी में प्रकृति के अन्य पदार्थों से आए लवण घुलते हैं। पर इनकी मात्रा बहुत कम होती है, जिसकी वजह से पानी खारा नहीं होता और नदी झरनों का पानी हमेशा मीठा ही लगता है।
किन नदियों का पानी मीठा है?

भारत में कई नदियां हैं जिनका पानी मीठाहोता है। ये नदियां प्राकृतिक रूप से मीठा पानी प्रदान करती हैं। भारत की गंगा नदी का पानी बहुत ही मीठा होता है। (गंगा नदी की उत्पत्ति कहां से हुई है) यमुना भी भारत में मीठे पानी वाली नदियों में से एक है। वहीं, नर्मदा गुजरात और मध्य प्रदेश में स्थित है और उत्तरी सतपुड़ा पर्वत श्रृंग से निकलती है। यह नदी प्राकृतिक रूप से मीठे पानी का स्त्रोत है और कई नगरों और गांवों को पेयजल प्रदान करती है।
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