
arjun ki mrityu par ganga kyon hansi
आज हम आपको महाभारत का एक ऐसा किस्सा सुनाने जा रहे हैं जब अर्जुन की मृत्यु पर मां गंगा जोर-जोर से हंसने लगी थीं और श्री कृष्ण ने तब अर्जुन की रक्षा की थी।

Arjun Aur Ganga Ki Katha: आज हम आपको मां गंगा और अर्जुन के बीच की दुश्मनी के किस्से के बारे में बता रहे हैं। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि एक बार मां गंगा की शत्रुता के चलते अर्जुन अपने प्राणों से हाथ धो बैठे थे। आइये जानते हैं कि आखिर क्यों अर्जुन से नफरत करने लगी थीं मां गंगा और क्यों अर्जुन की मौत पर आई थी उन्हें हंसी।
अर्जुन ने किया छल

- महाभारत युद्ध के दौरान जब पितामह भीष्म कौरवों के सेना पति बने थे, तब उनके मार्ग दर्शन से कौरव जीतने लगे थे।
- वहीं, खुद भीष्म भी पांडवों की सेना पर हावी होने लगे थे। यह देख सभी पांडव श्री कृष्ण के पास पहुंचे और सहायता मांगी।
- इसके बाद श्री कृष्ण (श्री कृष्ण ने क्यों काटा अपने भक्त का सिर) ने उन्हें रास्ता सुझाते हुए बताया कि शिखंडी पूर्व जन्म में वही अंबा थी जिसकी भीष्म से दुश्मनी थी।
- ऐसे में शिखंडी को युद्ध के मैदान में भीष्म के सामने उतारा जाए तो ही पांडव पितामह भीष्म पर विजय पा सकते हैं।
- ऐसा इसलिए क्योंकि शिखंडी का जन्म भले ही किन्नर के रूप में हुआ हो लेकिन भीष्म उसे कन्या ही माना करते थे।
- भीष्म कन्याओं पर अस्त्र-शास्त्र का प्रयोग नहीं करते थे। इसलिए श्री कृष्ण ने अर्जुन को छल से विजय का मार्ग बताया।
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मां गंगा हुईं क्रोधित
- युद्ध में अर्जुन ने वैसा ही किया जैसा श्री कृष्ण ने कहा था और शिखंडी को भीष्म के सामने ला कर खड़ा कर दिया।
- भीष्म ने अपने हथियार नीचे कर लिए। इसी मौके का लाभ उठाकर अर्जुन ने भीष्म पर लगातार कई तीरों से वार किया।
- थोड़े ही समय में भीष रथ से गिर गए और बाणों की शैय्या पर लेट गए। यह देख मां गंगा को बहुत क्रोध आ गया।
- वह युद्ध के मैदान में प्रकट हुईं और उन्होंने अर्जुन को श्राप दिया कि अर्जुन की मौत उसके अपने बेटे के हाथों ही होगी।
मृत्यु का रचा षड्यंत्र

- कहा जाता है कि मां गंगा ने खुद अर्जुन (अर्जुन के दिव्य अस्त्र) की मृत्यु का भयंकर षड्यंत्र रचा था। उन्होंने अर्जुन के बेटे को मायाजाल में फंसाया था।
- अर्जुन के बेटे बब्रुवाहन को ऐसा भ्रमित कर दिया था कि उसने अपने ही पिता अर्जुन का सिर काटकर उनका वध कर दिया था।
- अर्जुन की मृत्यु होने के बाद मां गंगा वहां प्रकट हुईं और अर्जुन की मौत पर जोर-जोर से हंसने लगीं। तभी श्री कृष्ण वहां आए।
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श्री कृष्ण ने की रक्षा
- महाभारत कथा के अनुसार, श्री कृष्ण ने अर्जुन को पुनः जीवित किया और अर्जुन के पुत्र बब्रुवाहन को मां गंगा की माया से मुक्त किया।
- साथ ही, श्री कृष्ण ने मां गंगा को शांत किया और उन्हें बताया कि भीष्म की मृत्यु होना धर्म की रक्षा के लिए बहुत ही आवश्यक था।
इस कारण से मां गंगा और अर्जुन के बीच दुश्मनी बंध गई थी और अर्जुन की मृत्यु पर मां गंगा जोर-जोर से हंसने लगी थीं। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें UPRISING BIHAR से।
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