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नालंदा बिहार राज्य का एक जिला है। नालंदा एक प्राचीन महाविहार का एक बौद्ध मठ था, जो भारत में मगध के प्राचीन राज्य में शिक्षा के एक प्रसिद्ध केंद्र के रूप में कार्य करता था। यह स्थल बिहारशरीफ शहर के पास पटना से लगभग 95 km दक्षिण पूर्व में स्थित है। आज यह UNESCO की विश्व धरोहर स्थल है। यहाँ पुरातात्विक विभाग ने खुदाई के दौरान मिली हुई बौद्ध एवं हिन्दू कांसे की वस्तुए और बिना क्षतिग्रस्त हुई भगवान बुद्ध की मुर्तिया के दुर्लभ संग्रह को सावधानीपूर्वक बरक़रार रखा गया है।
यह नालंद के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। तो चलिए हम आज नालंदा के मुख्य पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी लेते हैं।
नालंदा के पर्यटन स्थल | Tourist Places in Nalanda
1. नालंदा के इतिहासिक स्थल नालंद विश्वविद्यालय – यह विश्वविद्यालय बिहार के नालंदा जिले में स्थित है। नालंदा विश्वविद्यालय दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना 450 इस्वी में गुप्त बंश के शासक कुमार गुप्त ने की थी। यहाँ पर पढने के लिए ज्यादातर विदेशी क्षात्र आते थे। यहाँ पढने वाले क्षत्रो की संख्या लगभग 10,000 हुआ करते थे। इस 10,000 क्षात्र को पढ़ाने के लिए लगभग 2000 शिक्षक शामिल थे। इसीलिए नालंदा विश्वविद्यालय भारत के लोगो के ही नही बल्कि विदेशी लोगो को भी खूब पसंद आता है।

2. पावापुरी– पावापुरी एक जैनियों का तीर्थस्थल है. यह नालंदा से 25 km दूर पर स्थित है. जैन धर्म के सबसे बड़े प्रचारक और अंतिम तीर्थकर भगवान महावीर ने पावापुरी में अपना अंतिम उपदेश दिया था और उन्होंने अपनी अंतिम सांस यही ली और उनका अंतिम संस्कार भी पावापुरी में ही किया गया था. यहाँ पर दो मंदिर है समोशरण और जलमंदिर है.

3. बड़ी दरगाह बिहारशरीफ– बिहारशरीफ नालंदा जिला का आधुनिक जिला मुख्यालय है. बिहारशरीफ नालंदा से 13 km दूर पर स्थति है. मध्यकालीन इस्लामिक वास्तुकला का अवशेष जैसे की मकबरा, मस्जिद, गुफ्कालिन अवशेष इस छोटे शहर में अपनी मौजूदगी महसुस कराते हैं. मुस्लिम संत मखदूम शाह शरीफ-उद-दीन का मकबरा यहाँ का सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है.

4. नालंदा के दर्शानिये स्थल राजगीर– राजगीर नालंदा जिला का एक प्रमुख पर्यटन स्थल जो नालंदा से 34 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है| राजगीर में घुमने लायक जगहें:
- वेणुवन
- विश्व शांति स्तूप
- वीरायतन
- सोन भंडार
- कुण्डलपुर
- सारिपुत्र
- घोर कटोरा
- पांडु पोखर, इत्यादि

5. पुरातत्व संग्रहालय नालंदा –पुरातत्व संग्रहालय नालंदा में घूमने वाली एक प्रमुख जगह है। नालंदा पुरातत्व संग्रहालय की स्थापना वर्ष 1917 ईस्वी में हुई थी। इसमें मुख्यता निकट स्थित पुरास्थलों के उत्खनन से प्राप्त सामग्री को संग्रहित किया गया है, जिसकी पहचान प्राचीनतम विश्वविद्यालय सह महाविहार परिसर नालंदा के रूप में की गई है। इसके अतिरिक्त राजगीर तथा नालंदा के निकटवर्ती ग्रामों से मिले कुछ पुरावस्तुओं को भी यहां पर संजोया गया है।

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6. बौद्ध मंदिर नालंदा – बौद्ध मंदिर (सराय टीला) नालंदा में स्थित एक प्राचीन मंदिर है। यह नालंदा महाविहार के पास में स्थित है। इस बौद्ध मंदिर का उत्खनन 1973 से 1974 के मध्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा किया गया था। इस टीले से एक बहुमंजिला बौद्ध मंदिर के अवशेष प्राप्त हुए हैं। यह मंदिर पूर्वाभिमुखी है। मंदिर के गर्भ गृह में सामने एक मंडप था। जिसके पार्श्व भित्ति ईटों द्वारा निर्मित आलो और स्तंभों से युक्त है। मंदिर के चारों ओर लगभग 6 मीटर चौड़ा प्रदक्षिणा पथ तथा ऊपर चढ़ने के लिए पूर्वी भुजा के दोनों ओर पर सीढ़ियां का प्रावधान था।

7. श्री तेलिया भंडार भैरव मंदिर नालंदा – श्री तेलिया भंडार भैरव मंदिर नालंदा में ,नालंदा महाविहार में स्थित मुख्य मंदिर है। यह नालंदा जिले में बड़गांव में स्थित है। यहां पर आपको बुद्ध भगवान जी काले कलर की एक बहुत बड़ी प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। यह प्रतिमा बहुत सुंदर लगती है। इस प्रतिमा में बुद्ध भगवान जी भूमि स्पर्श मुद्रा में बैठे हुए हैं। इस मंदिर को यहां के लोकल लोगों द्वारा तेलिया भैरव मंदिर के नाम से जाना जाता है। आप यहां पर आ कर बुद्ध प्रतिमा के दर्शन कर सकते हैं।

8. सूर्य मंदिर नालंदा – सूर्य मंदिर नालंदा का एक मुख्य आकर्षण स्थल है। यह मंदिर प्राचीन है। इस मंदिर में आपको सूर्य भगवान जी की प्राचीन प्रतिमा देखने के लिए मिलती है। इस मंदिर में सूर्य भगवान जी की काले कलर की प्रतिमा विराजमान है। यहां पर चौमुखी शिवलिंग के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह मंदिर ज्यादा बड़ा नहीं है, छोटा है। मगर यह बहुत सुंदर लगता है। यहां पर छठ पूजा के समय बहुत भीड़ लगती है। बहुत सारे लोग यहां पर घूमने के लिए आते हैं। यह मंदिर नालंदा जिले में बड़गांव में स्थित है। आप यहां पर घूमने के लिए आ सकते हैं।

9. कुंडलपुर जैन मंदिर नालंदा – कुंडलपुर जैन मंदिर नालंदा का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर जैन धर्म के लोगों मे प्रसिद्ध स्थल है। यह स्थल जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर भगवान जी का जन्म स्थान है। यहां पर आपको महावीर भगवान जी का प्राचीन गर्भ एवं जन्मस्थली देखने के लिए मिलती है। यहां पर महावीर भगवान जी का मंदिर देखने के लिए मिलता है, जहां पर महावीर भगवान जी की खड़ी हुई मुद्रा में प्रतिमा के दर्शन करने के लिए मिलते हैं। यह प्रतिमा सफेद रंग की है और बहुत ही सुंदर लगती है।

10. ह्वेनसांग मेमोरियल नालंदा – ह्वेनसांग मेमोरियल नालंदा जिले का एक मुख्य पर्यटन स्थल है। ह्वेनसांग मेमोरियल चीनी यात्री ह्वेनसांग को समर्पित है, जिन्होंने छठवीं शताब्दी में भारत में यात्रा की थी। वह दुनिया के विशिष्ट महापुरुषों में से एक थे, जिनका महान उद्देश मानव जाति का कल्याण और मानव सभ्यता के मूल्यों की व्याख्या करना था। यहां पर आपको सुंदर मेमोरियल देखने के लिए मिलता है। मेमोरियल नालंदा जिले में कुंडलपुर जैन मंदिर के पास में स्थित है।

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