Karva Chauth, Started In His Name., Who Is Karva Mata?, Who Is Karva Mata? Know How This Festival, करवा चौथ, कौन हैं करवा माता?, कौन हैं करवा माता? जानें कैसे इनके नाम पर शुरू हुआ यह पर्व, चंद्रमा की पूजा
करवा चौथ का व्रत सुहागिनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन शादीशुदा महिलाएं चंद्रमा की पूजा करती हैं और निर्जल व्रत रखती हैं। इस साल करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर को रखा जाएगा।

Festival Mythology: करवा चौथ का व्रत सुहागिनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन शादीशुदा महिलाएं चंद्रमा की पूजा करती हैं, अर्घ्य देती हैं और निर्जल व्रत रखती हैं। इस दिन व्रत रखने से सुहागिनों को अखंड सौभग्य प्राप्त होता है और पति की रक्षा होती है। इस पर्व से जुड़े कई रोचक तथ्य भी हैं जिनके अबरे में शायद ही आप में से किसी को पता हो। इसी कड़ी में आज हम जानेंगे कि कौन हैं करवा माता और कैसे पड़ा इनके नाम पर यह पर्व।
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ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें इस तथ्य से जुड़ी एक रोचक और भक्तिमाय कथा बताई।
कौन हैं करवा माता और कैसे पड़ा इनके नाम पर यह पर्व।
- पौराणिक कथा के अनुसार, करवा नाम की एक स्त्री हुआ करती थी जो बहुत पतिव्रता रूपा थीं।
- करवा का पति उनसे उम्र में काफी बड़ा था लेकिन करवा ने हमेशा सतीत्व का पालन किया।
- एक दिन करवा का पति नदी में स्नान के लिए गया तो वहां एक मगरमच्छ ने उसे पकड़ लिया।
- करवा पति जोर-जोर से पुकार कर करवा को बुलाने लगा। करवा फौरन नदी किनारे पहुंचीं।

- पतिव्रता स्त्री होने के कारण करवा में सतीत्व का बहुत बल था। उनके सतीत्व में दिव्यता थी।
- करवा ने सूती साड़ी से धागा निकालकर अपने तपोबल से पति को मगरमच्छ से छुड़ाया।
- इसके बाद उन्होंने मगरमच्छ को बांधा और यमराज के पास यमलोक जीवित ले पहुंची।
- यमराज ने जब उनसे आने का कारण पूछा तो उन्होंने सारी घटना विस्तार से बताई।
- इसके बाद यमराज करवा के सतीत्व के बल और पत्नी धर्म की निष्ठा से प्रभावित हुए।
- यमराज ने करवा को वरदान दिया कि उनका पति दीर्घायु और स्वस्थ्य हमेशा रहेगा।
- यमराज ने करवा को सुहागिन महिलाओं द्वारा पूजे जाने का शक्तिशाली वरदान दिया।
कौन हैं करवा माता और कैसे पड़ा इनके नाम पर यह पर्व।

- यमराज ने कहा कि कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि करवा के नाम से जानी जाएगी।
- यह दिन करवा चौथ कहलाएगा और इस दिन करवा की पूजा का महत्व माना जाएगा।
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- इस दिन करवा की पूजा करने से पति की रक्षा होगी और शादीशुदा जीवन समृद्ध बनेगा।
- इस घटने के बाद से ही इस दिन को करवा चौथ के रूप में महिलाओं द्वारा मनाया जाने लगा।
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