
मैथिली शरण गुप्त जयंती पोस्टर
आज 3 अगस्त, 20वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध हिंदी कवियों में से एक मैथिलीशरण गुप्त की 137वीं जयंती है। गुप्ता की कविता भारतीय संस्कृति और परंपरा में गहराई से निहित है, और यह भारतीय उपमहाद्वीप की समृद्ध विविधता को दर्शाती है।
गुप्ता की कविता का सबसे उल्लेखनीय पहलू उनकी कल्पना का उपयोग है। भारत का एक ज्वलंत और विचारोत्तेजक चित्र बनाने के लिए वह अक्सर भारतीय पौराणिक कथाओं, इतिहास और लोककथाओं से चित्र बनाते हैं।

उदाहरण के लिए, अपनी कविता “सॉनेट ऑन इंडिया” में उन्होंने भारत की तुलना “हजारों तटों” वाले “विशाल महासागर” से की है। वह भारत की सुंदरता और भव्यता को उजागर करने के लिए गंगा नदी, हिमालय और ताज महल की छवियों का भी उपयोग करता है।
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जानिए कैसे गुप्ता जी की कविताएं देती है एक भारतीय राष्ट्रवादी के विचारों की मनोहारी झलक
कल्पना के उपयोग के अलावा, गुप्ता की कविता देशभक्ति की अपनी मजबूत भावना के लिए भी उल्लेखनीय है। वह एक कट्टर राष्ट्रवादी थे और उनकी कविताएँ अक्सर भारतीय लोगों और उनकी संस्कृति का जश्न मनाती हैं। उदाहरण के लिए, अपनी कविता “भारत भारती” में वह भारत की प्रशंसा करते हुए इसे “देवताओं की भूमि” और “सभी लोगों की माता” कहते हैं।

गुप्त जी की कविता न केवल देशभक्तिपूर्ण है, बल्कि गहन आध्यात्मिक भी है। वह एक कट्टर हिंदू थे और उनकी कविताएं अक्सर उनकी धार्मिक मान्यताओं को दर्शाती हैं। उदाहरण के लिए, अपनी कविता “यशोधरा” में वह बुद्ध की पत्नी यशोधरा की कहानी बताते हैं। कविता प्रेम, हानि और विश्वास की एक मार्मिक खोज है।
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गुप्ता की कविता: एक आध्यात्मिक सफर जो हर दिल में जगाता है
गुप्त की कविता भारतीयता की समृद्ध और जटिल खोज है। यह भारत की सुंदरता, इसकी विविधता और इसकी आध्यात्मिक विरासत का उत्सव है। यह देशभक्ति और आस्था की एक सशक्त अभिव्यक्ति भी है। गुप्ता की कविता भारतीय साहित्य के खजाने में एक बहुमूल्य योगदान है, और दुनिया भर के पाठकों द्वारा इसका आनंद लिया जाता है।
उपरोक्त के अलावा, यहां कुछ अन्य तरीके दिए गए हैं जिनसे मैथिलीशरण गुप्त के साहित्य में भारतीयता की छाप स्पष्ट होती है:
उनका हिन्दी भाषा का प्रयोग, जो भारत की समृद्ध भाषाई विविधता का परिचायक है।
उन्होंने भारतीय रीति-रिवाजों और परंपराओं, जैसे जाति व्यवस्था, हिंदू त्योहारों और भारतीय जीवन शैली का संदर्भ दिया।

उनका चित्रण भारतीय पात्रों का है, जो अक्सर जटिल और बहुआयामी व्यक्तित्व वाले होते हैं।
प्रेम, हानि, विश्वास और देशभक्ति जैसे भारतीय विषयों की उनकी खोज।
गुप्ता का साहित्य भारतीय संस्कृति की समृद्धि और विविधता का एक मूल्यवान प्रमाण है। यह हमारी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और उसका जश्न मनाने के महत्व की याद दिलाता है।
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