गया शहर बिहार राज्य का एक लोकप्रिय जिला है। इसके साथ ही एक ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन स्थल भी है। भगवान बुद्ध के कारण यह शहर काफी ज्यादा लोकप्रिय है। क्योंकि इसी शहर में स्थित बोधगया में भगवान बुद्ध ने ज्ञान की प्राप्ति की थी। गया शहर तीन ओर से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। अगर आप गया घूमने की योजना बना रहे हैं तो आपको इस लेख को पूरा जरूर पढ़ना चाहिए।
गया में घूमने की जगह (Gaya me Ghumne ki Jagah)
विष्णुपद मंदिर
गया में फाल्गुनी नदी के तट पर स्थित विष्णुपद मंदिर संपूर्ण भारत में एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक मंदिर है। पिंडदान के लिए देश भर से श्रद्धालु यहां पर आते हैं।
माना जाता है कि भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण इस मंदिर का दौरा किए थे, जिस कारण इस मंदिर को त्रेतायुग का बताया जाता है।

सीता कुंड गया
गया में विष्णुपद मंदिर के सामने फल्गु नदी के दूसरे किनारे पर सीता कुंड स्थित है। कहा जाता है कि इसी स्थान पर भगवान श्री राम जी ने अपने पिता राजा दशरथ जी का पिंडदान किया था।
इस स्थान पर मां सीता, भगवान राम और लक्ष्मण जी की प्राचीन प्रतिमा भी स्थापित है। यहां पर पास में ही नागकूट पहाड़ी भी स्थित है और इस मंदिर से नागकूट पहाड़ी का दृश्य बहुत ही सुंदर लगता है।

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महान बुद्ध प्रतिमा
गया में मुख्य आकर्षण का केंद्र महान बुद्ध प्रतिमा है, जो देश भर में प्रसिद्ध है। गया में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले पर्यटक स्थलों में से सबसे ज्यादा लोकप्रिय भगवान बुद्ध की प्रतिमा ही है। यह प्रतिमा 64 फुट ऊंची है, जिसमें भगवान बुद्ध को ध्यान मुद्रा में दिखाया गया है। इस मूर्ति का निर्माण 18 नवंबर 1989 को चौथे दलाई लामा ने किया था।

महाबोधि मंदिर
गया में एक सुखद और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करने के लिए देश भर से पर्यटक महाबोधि मंदिर का दर्शन करने के लिए जाते हैं। गया का महाबोधि मंदिर सबसे प्रतिष्ठित धार्मिक स्थान है, जहां पर देश भर से श्रद्धालु आते हैं विशेष रुप से बौद्ध धर्म को मानने वाले श्रद्धालु की यहां पर हमेशा ही भीड़ रहती है।

सुजाता स्तूप
सुजाता स्तूप वही स्थान है, जहां पर भगवान बुध ने आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए कठिन उपवास रखे थे। कहा जाता है कि उस दौरान सुजाता नाम की एक महिला थी, जो गाय चराया करती थी। जिन्होंने भगवान बुद्ध को उपवास के कारण उनके कमजोर काया को देखा। स्तूप से थोड़ी दूर आगे जाने पर सुजाता कुटी भी देखने को मिलता है। हालांकि गया में बहुत से पर्यटकों को अभी भी इस स्थान के बारे में अच्छे से जानकारी नहीं है।

ब्रह्मयोनि पहाड़ी मंदिर
गया में हरे-भरे पेड़ पौधों और सुंदर प्रकृति के बीच पहाड़ों पर स्थित ब्रह्म योनि हिल मंदिर गया का लोकप्रिय मंदिर है, जहां पर विशेष रूप से श्रद्धालु अपने पैतृक कुकर्म और माता-पिता को श्राप से मुक्त करने के लिए दर्शन करने के लिए जाते हैं। यह मंदिर 2 शब्दों से बना है ब्रह्मा और योनि। इस मंदिर में प्राकृतिक चट्टान छिद्र है, जिसे भगवान ब्रह्मा की स्त्री शक्ति का प्रतीक माना जाता है।

पुरातत्व संग्रहालय बोधगया
बोधगया में महाबोधि मंदिर के पास ही पुरातत्व संग्रहालय स्थित है। यह संग्रहालय इतिहास प्रेमियों के लिए गया में लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। इस संग्रहालय में टेराकोटा के भी कई सारे सामग्री को संग्रहित करके रखा गया है। खुदाई के दौरान प्राचीन काल की जो भी चीजें मिली है, उन तमाम चीजों को यहां पर प्रदर्शित किया गया है।

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डुंगेश्वरी गुफा मंदिर
भगवान बुद्ध की आध्यात्मिक यात्रा से संबंधित जानने के इच्छुक पर्यटकों के लिए गया में स्थित डुंगेश्वरी गुफा मंदिर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। कहा जाता है कि बोधगया जाने से पहले भगवान बुद्ध ने इस गुफा में 6 वर्षों का समय बिताया था। यहां पर पास में एक छोटा सा मानसून जलप्रपात भी स्थित है।

प्रेतशिला मंदिर
गया में पहाड़ियों पर स्थित प्रेतशिला मंदिर एक धार्मिक और लोकप्रिय मंदिर है। यह मंदिर मृत्यु के देवता भगवान यमराज को समर्पित है। माना जाता है इस मंदिर का निर्माण इंदौर की रानी अहिल्याबाई होलकर ने करवाया था। इस पहाड़ के ढलान पर रामकुंड नाम का एक तालाब भी है। प्रेतशिला मंदिर में हर साल आश्विन महीने के दौरान आयोजित पितृपक्ष मेला काफी प्रसिद्ध है।

वाट थाई मॉनेस्ट्री बोधगया
वाट थाई मॉनेस्ट्री गया जिले के बोधगया में स्थित एक मुख्य पर्यटन स्थल है, जिसे थाई वस्तु कला में निर्मित किया गया है। इसके बाहर एक ड्रैगन की प्रतिमा स्थापित है। इस मंदिर के अंदर भगवान बुद्ध की भी बहुत ही खूबसूरत प्रतिमा को स्थापित किया गया है। इसके पीछे एक तालाब भी है। इन्हें जिन-जिन शैली में बनाया गया है, उसी के नाम पर इन मठों का नाम रखा गया है। मठों में लोग कुछ पल शांत वातावरण में मेडिटेशन करते हैं।

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