
इस लेख में हम विकलांगता में समाज की भूमिका को एक संवेदनशील मुद्दे के रूप में विचार करेंगे और इसे समझने की आवश्यकता को प्रस्तुत करेंगे।

मानवीय समाज में एक समावेशी, समान और समरस्थ समाज के निर्माण के लिए विभिन्न वर्गों और समुदायों के साथ सहयोग और सहभागिता की आवश्यकता होती है। विकलांगता एक ऐसा मुद्दा है जो हमारे समाज में विशेषत: ध्यान की आवश्यकता रखता है। विकलांगता से जुड़े व्यक्ति विशेष योग्यता रखने के बावजूद भी उन्हें समाज में सम्मान, समर्थन और समानता का हक है। इस लेख में हम विकलांगता में समाज की भूमिका को एक संवेदनशील मुद्दे के रूप में विचार करेंगे और इसे समझने की आवश्यकता को प्रस्तुत करेंगे।
विकलांगता का मतलब
विकलांगता एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी व्यक्ति की शारीरिक, भावनात्मक या बुद्धिजीवी योग्यता में कमी होती है। यह व्यक्ति शारीरिक या मानसिक रूप से असमर्थ हो सकता है और अपने दैनिक जीवन की गतिविधियों को पूरा करने में समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। विकलांगता के कारण व्यक्ति को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ता है और उन्हें समाज में सम्मान और समर्थन की आवश्यकता होती है।
विकलांगता के प्रकार
विकलांगता के कई प्रकार होते हैं जो व्यक्ति की योग्यता और उत्पन्न क्षमता के आधार पर तय होते हैं। कुछ प्रमुख विकलांगता के प्रकार निम्नलिखित हैं:
- शारीरिक विकलांगता: इसमें व्यक्ति के शारीरिक अंग, अंग-संरचना या इन्द्रियों के कुछ अंशों की कमी होती है। इसमें श्रृंगार, स्कॉलियोसिस, एम्बुलेटरी आदि शामिल हो सकते हैं।
- मानसिक विकलांगता: इसमें मानसिक संरचना या मानसिक विकार से जुड़ी समस्याएं होती हैं। यह विकलांगता मानसिक रूप से विकसित न होने, मानसिक बीमारी या मस्तिष्क संबंधी रोगों से संबंधित हो सकती है।
- बुद्धिजीवी विकलांगता: इसमें व्यक्ति की बुद्धिजीवी योग्यता में कमी होती है और उसे अपनी विचारशक्ति या भाषा के उपयोग में समस्या हो सकती है। यह विकलांगता मनोविज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में समस्याओं से संबंधित होती है।
- सम्बन्धित विकलांगता: इसमें व्यक्ति की एकाधिक विकलांगता एक साथ होती है। यह विकलांगता जन्मजात, संबंधित विकलांगता या दुर्घटना से हो सकती है।
विकलांगता के समाज में स्थान
विकलांगता के कारण व्यक्ति को समाज में अलग किया जाता है और उन्हें समाज में सम्मान, समर्थन और समानता का हक नहीं मिलता है। इसके परिणामस्वरूप वे अलगाव महसूस करते हैं और उन्हें सामाजिक और आर्थिक संघर्षों का सामना करना पड़ता है। इससे उन्हें समाज के साथ जुड़ने में भी कई समस्याएं आती हैं।
विकलांगता से जुड़े व्यक्ति को समाज में सम्मान और समर्थन की आवश्यकता होती है। वे समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं और उन्हें समाज में समर्थन और विकास के लिए अधिकार मिलना चाहिए। इससे समाज में सामाजिक समरसता एवं सामाजिक समानता के अभिवृद्धि में मदद मिलेगी।
विकलांगता की भूमिका
- संवेदनशीलता की जरूरत: विकलांगता के सम्बन्ध में समाज को संवेदनशील होने की जरूरत है। समाज को विकलांग व्यक्तियों की भावनाओं को समझने, समर्थन करने और समानता देने की आवश्यकता है। विकलांगता के साथ जीवन बिताने वाले व्यक्तियों को समाज में सम्मान और समर्थन का अधिकार है और उन्हें समाज में स्वतंत्रता और आत्म-सम्मान की भावना से जीने का मौका मिलना चाहिए।
- समाजिक संघर्ष का सामना: विकलांगता से जुड़े व्यक्तियों को समाज में समर्थन और समानता के लिए समाजिक संघर्ष करना पड़ सकता है। वे अपने अधिकारों की रक्षा करने के लिए संघर्ष करते हैं और उन्हें समाज में सम्मान और समर्थन का मौका दिलाने के लिए अपनी आवाज़ बुलंद करते हैं।
- समाज में समरसता के लिए एक जिम्मेदारी: समाज में समरसता और सामाजिक समानता की स्थिति को सुनिश्चित करने के लिए समाज के सभी वर्गों को एक जिम्मेदारी निभाने की आवश्यकता है। विकलांग व्यक्तियों को समाज में समर्थन और समानता के लिए आवाज़ बनाने और उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में समानता और अवसर प्रदान करने के लिए समाज के सभी सदस्यों को सहयोग करने की आवश्यकता है।
- शिक्षा और रोजगार के अवसर: विकलांगता से जुड़े व्यक्ति को शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करने की आवश्यकता होती है। उन्हें उच्चतम स्तर की शिक्षा और विभिन्न रोजगार के अवसर मिलने चाहिए जिससे वे समाज में अपनी स्थिति को सुधार सकें और अपनी क्षमता का उपयोग कर सकें।
- विकलांगता के लिए समाज का सामर्थ्य बढ़ाना: विकलांगता से जुड़े व्यक्ति को समाज का सामर्थ्य बढ़ाने की आवश्यकता है। समाज को विकलांगता से जुड़े व्यक्ति को समर्थन और समानता प्रदान करने के लिए समाज में संवेदनशीलता और उन्नति के लिए जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।
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समाप्ति
विकलांगता में समाज की भूमिका एक संवेदनशील मुद्दा है जिसे समाज को समर्थन और समानता प्रदान करके हल किया जा सकता है। विकलांगता से जुड़े व्यक्तियों को समाज में समर्थन और समानता का मौका मिलना चाहिए जिससे उन्हें समाज में सम्मान, समर्थन और समानता का अधिकार मिल सके। समाज को विकलांगता के सम्बन्ध में संवेदनशीलता बनाए रखने की आवश्यकता है और सभी सदस्यों को एकसाथ मिलकर विकलांगता से जुड़े व्यक्तियों को समाज में समर्थन और समानता प्रदान करने के लिए सहयोग करने की जिम्मेदारी है।
इस प्रकार, विकलांगता में समाज की भूमिका पर विचार करते हुए हम इस मुद्दे को समझ सकते हैं और समाज में विकलांगता से जुड़े व्यक्तियों को समानता और समर्थन का मौका देने के लिए एकजुट होकर सहयोग कर सकते हैं। विकलांगता से जुड़े व्यक्तियों को समाज में समर्थन और समानता प्रदान करने से समाज में सामाजिक समरसता और समानता के अभिवृद्धि में मदद मिलेगी। इसके लिए हम सभी को मिलकर कदम बढ़ाना होगा और विकलांगता से जुड़े व्यक्तियों को समाज में समर्थन और समानता का मौका देने के लिए एक सकारात्मक वातावरण सृजन करना होगा।
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