
आखिर रमजान में खजूर खा कर ही क्यों मुस्लिम तोड़ते हैं रोजा?
इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक रमजान में खजूर खा कर रोजा खोलने को अहल-ए-सुन्नत माना जाता है। पैगंबर हजरत मोहम्मद के बताए गए रास्ते पर चलने और अमल करने को सुन्नत कहा जाता है।
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रमजान का पाक महीना शुरू हो गया है। रमजान के महीने में रोजा रखने वाले रोजेदार इफ्तार के वक्त रोजा तोड़ते हैं, जिसमें इफ्तार पर तरह-तरह के पकवान पकाए जाते हैं। इसमें खीर, हलवा, पापड़, पकौड़ी, फल और शरबत आदि पकवान तैयार किए जाते हैं। लेकिन अजान होते ही सबसे पहले खजूर खा कर ही पानी पिया जाता है। आखिर ऐसा क्यों किया जाता है और खजूर में ऐसा क्या है, जो रमजान के महीने में या फिर किसी भी रोजे में खास माना जाता है?
रोजा तोड़ने के लिए खजूर खाना सुन्नत है
आपको बता दें, इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक रमजान में खजूर खा कर रोजा खोलने को अहल-ए-सुन्नत माना जाता है। पैगंबर हजरत मोहम्मद के बताए गए रास्ते पर चलने और अमल करने को सुन्नत कहा जाता है। यह रिवाज काफी पुराना है, जो पैगंबर मोहम्मद के दौर से चला आ रहा है। माना जाता है कि ये रिवाज इस्लाम के आखरी पैगंबर मुहम्मद सल्लाहु अलैहि वसल्लम रोजा खोलने के लिए खजूर खाया करते थें। खजूर पैगंबर हजरत मोहम्मद का पसंदीदा फल था। इसलिए इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग अपना रोजा खोलने के लिए भी सबसे पहले खजूर का ही सेवन करते हैं।

खजूर का अधिक मात्रा में पाया जाना
इसके अलावा एक वजह ये भी है कि मक्का और मदीना यह दोनों सऊदी अरब के दो शहरों के नाम है। मक्का शहर में काबा है, जहां मुस्लिम हज करने के लिए जाते हैं और उसी दिशा में मुसलमान नमाज भी पढ़ते हैं, जिसे किबला भी कहा जाता है। जबकि मदीना में पैगंबर मोहम्मद की कब्र और मस्जिद नबवी है। मक्का शहर पैगंबर मोहम्मद का जन्म स्थान है, वो 53 साल तक वहीं पर रहे और आखिर के 10 साल मदीना में रहे। पैगंबर मोहम्मद का जीवनकाल सऊदी अरब में ही बीता है। यह रेगिस्तान इलाका है, जहां खजूर अधिक मात्रा में पाया जाता है। साथ ही खजूर स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद होता है।
सेहत के लिहाज से खजूर फायदेमंद फल है
रमजान में खजूर का सेवन इसलिए भी किया जाता है क्योंकि इसमें कई पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं। खजूर का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है, इसलिए यह रोजे के दौरान खाया जा सकता है। खजूर में पोटेशियम, मैग्नीशियम, फाइबर, और विटामिन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो रोजे के दौरान शरीर को जरूरी ऊर्जा प्रदान करते हैं। इसके साथ ही, खजूर में पानी की भी मात्रा होती है, जिससे पेट की भूख शांत होती है और शरीर का हाइड्रोजन भी बना रहता है।

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खजूर में पाया जाने वाला फाइबर पाचन को बेहतर बनाए रखता है और गैस और एसिडिटी की समस्याओं को भी दूर करता है। इसके अलावा, खजूर में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। खजूर में मौजूद शुगर रक्त शर्करा के स्तर को भी संतुलित रखने में मदद करता है। इन सभी कारणों से, खजूर रमजान में रोजा तोड़ने लिए फायदेमंद होता है।
लगातार एक महीने दिन में खाना नहीं खाने और लंबे समय तक भूखे रहने से पेट में सूजन जैसी परेशानी का खतरा बढ़ सकता है। खजूर में एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो सूजन को कम करते हैं। रमजान में रोजा खोलने के लिए खजूर का सेवन करना रिवाज होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद माना जाता है।

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