
culture-of-bihar

भारत के पूर्वी क्षेत्र में स्थित बिहार, अपनी समृद्ध संस्कृति और विविधताओं के लिए जाना जाता है। बिहार के लोग अपनी विविधताओं, साहित्य, कला, संगीत, और धर्म के लिए जाने जाते हैं। बिहारी संस्कृति में उदारता और समाजवाद का भाव अधिक होता है।
बिहार एक समृद्ध संस्कृति और विरासत का खजाना है। बिहार राज्य में अनेक धर्म और संस्कृतियों का समन्वय होता है। यहाँ के इतिहास, विरासत, भाषा, लोक संगीत, कला और साहित्य आदि में बहुत से विशेषताएं हैं।
बिहार की संस्कृति का विस्तार संसार के सभी कोनों तक होता हुआ पाया जाता है। यहाँ की संस्कृति में वेद, पुराण, रामायण, महाभारत, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, सुफी, उर्दू, गुजराती, मराठी, बंगाली और फारसी आदि कुछ विशेष धार्मिक विचारों का संगम है।
बिहार के लोक संगीत में मौखिक परंपरा व वाद्य यंत्रों का उपयोग होता है। छठ पर्व बिहार के सबसे लोकप्रिय पर्वों में से एक है जो आधुनिकता की धुन में लोगों को जोड़ता है।
बिहार का इतिहास बहुत विस्तृत है और इसमें कई समृद्ध संस्कृतियों का संगम है। अंग और मगध संस्कृतियों का संगम बिहार के इतिहास में बहुत अहम है। वर्तमान में बिहार में जैसलमेर, नालंदा, बोधगया, वैशाली, राजगीर, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, और सासाराम जैसे कई प्रमुख पर्यटन स्थल हैं, जो सबसे ज्यादा यात्रिकों को आकर्षित करते हैं।
बिहार का साहित्य भी बहुत समृद्ध है। बिहार में अनेक संस्कृतियों के संगम के कारण संस्कृत, हिंदी, अंग्रेज़ी, उर्दू, बंगाली आदि भाषाओं में लेखकों ने काम किया है।
बिहार का संस्कृति काफी विस्तृत और विविध है। यहां की संस्कृति में वैदिक संस्कृति, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, मुग़ल संस्कृति आदि एक साथ मिलती हैं। इसके अलावा बिहार में महाभारत काल से ही लोक संस्कृति का बहुत उत्साह रहा है। बिहार में बहुत सारी प्राचीन और ऐतिहासिक स्थल हैं जो इसकी संस्कृति को दर्शाते हैं।
बिहार की संस्कृति में कलाकृतियों का भी बहुत महत्व है। बिहार की मध्यकालीन कला काफी स्थायी है जो इसके मंदिरों, चित्रों और कलाकृतियों में दिखाई देती है। बिहार के मंदिर और स्थानों की संरचना और वास्तुकला अनुपम है।
बिहार की संस्कृति में खानपान का भी बहुत महत्व है। यहां की खाद्य संस्कृति बहुत विस्तृत है जो उत्तर भारत की संस्कृति से भिन्न होती है। बिहार का खाना मिठासे भरा होता है जैसे कि लिट्टी चोखा, सतु, पुड्डिंग आदि।
बिहार का संस्कृति उत्साह, समृद्ध और अद्भुत इतिहास से भरा हुआ है। यहाँ की संस्कृति विविधता से भरी हुई है और इसमें कई जातियों और समुदायों के लोगों का अभिनय होता है। बिहार की संस्कृति और परंपराएं उनकी भौगोलिक स्थिति, जीवन शैली और धार्मिक विचारों से प्रभावित होती हैं।
बिहार के लोगों का विवाह एक बहुत महत्वपूर्ण संस्कार होता है। यहाँ शादियों में विवाहिता की रस्में बड़ी मायने रखती हैं और इसमें परिवार के बड़ों के आदेशों का खास ध्यान रखा जाता है। बिहार की संस्कृति में वस्तुतः इसी तरह कई महत्वपूर्ण रस्में होती हैं जो लोगों के जीवन में गहरा प्रभाव छोड़ती हैं।
बिहार की संस्कृति में भोजन का बहुत अहम रोल होता है। यहाँ के खाने में स्वाद, मिट्टी का वास और प्राचीन रेसिपीज़ का साथ मिलता है। यहाँ के खाने में तीखा, मीठा और नमकीन तीनों स्वाद मिलते हैं जो इसे बनाते हैं।
अन्य संस्कृतियों से भिन्नता के अलावा, बिहार की संस्कृति में उसकी विविधता और समृद्धि भी है। यहां आने वाले लोग अपनी भाषा और वेशभूषा में विभिन्नताएं लाते हैं जो इसकी संस्कृति को एक अलग दर्शन देती है। इसके अलावा, बिहार के नृत्य-संगीत, लोक कला, वस्तुकला, भोजन, त्योहार, रंगबिरंगे परिधान और दक्षिण बिहार के थारे आदि भी इसकी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं।
पटना हनुमान मंदिर: बिहार के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक
बिहार की संस्कृति में इसकी इतिहास, धर्म और स्थानों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। बिहार के इतिहास में महान सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य, जो भारत के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने में सफल रहे थे, का अद्भुत योगदान है। इसके अलावा, बिहार का धार्मिक इतिहास भी बहुत समृद्ध है। महावीर, बुद्ध और गुरु गोविंद सिंह जैसे महापुरुषों ने इस स्थान को धर्म का केंद्र बनाया और इसे संगीत, कविता और संस्कृति के भीतर बदल दिया।
5 thoughts on “” बिहार की समृद्ध संस्कृति की विशेषताएं “”
Comments are closed.