कचरे से बिजली कैसे बनती है
हैदराबाद के बाहरी इलाके सिकंदराबाद में एक बहुत बड़ी सब्जी मंडी है, जहां कचरे का इस्तेमाल कर बिजली बनाई जाती है।

भारत में हर दिन हजारों किलो फल और सब्जियों की बर्बादी होती है। कई बार सब्जियां खुद से खराब हो जाती हैं तो कई बार कम बिक्री के कारण भी सब्जियां काफी ज्यादा बर्बाद हो जाती है। हैदराबाद में स्थित एक सब्जी मंडी ऐसी भी हैं जहां पर कचरे या खराब फल- सब्जियों की मदद से बिजली बनाई जा रही है।
किस मार्केट में कचरे से बनाई जाती है बिजली?
हम बात हैदराबाद की बोवेनपल्ली मार्केट की कर रहे है। यहां फल हो या सब्जी जो खराब होता है तो उसे फेंकते नहीं है बल्कि उसके इस्तेमाल से यहां बिजली तैयार की जाती है। जी हां, यह आप सच सुन रही है। रोजाना यहां 500 यूनिट बिजली के अलावा इस जैविक वेस्ट से 30 किलोग्राम बायोगैस भी तैयार होती है।
कितने टन कचरे से बायोगैस बनाई जाती है?

रिपोर्ट्स की मानें तो हैदराबाद की बोवेनपल्ली मार्केट में रोजाना 10 टन कचरे से बायोगैस बनाया जा रहा है। यह एक क्लीन एनर्जी है जिसका इस्तेमाल बिल्डिंग, स्ट्रीट लाइट और कई दुकानों को रोशन करने के लिए किया जा रहा है। इतना ही नहीं बचे हुए कचरे से जैविक खाद भी बनाई जा रही है। (ये हैं हैदराबाद के सस्ते और फेमस स्ट्रीट मार्केट्स)
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पीएम मोदी ने की तारीफ
मन की बात के दौरान खुद पीएम मोदी ने भी हैदराबाद की इस सब्जी मंडी की तारीफ की थी। उन्हें कहा था कि- ”सब्जी मंडियों में अनेक वजहों से काफी सब्जी खराब हो जाती है, लेकिन उसे फेंकने की जगह वो उससे लाभ कमा रहे हैं”। आपको बता दें कि अगर ऐसा सभी राज्य में होने लगा तो इससे काफी लाभ हो सकता है।
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