Site icon Uprising Bihar

बिहार का दिल : हाजीपुर शहर

मैं रंजन फिर आया हूं आपको एक नए सफर पर ले चलने | आज का सफर शुरआत करने से पहले … मैं आपसे से पूंछ लो आप कैसे है ? ठीक है – अच्छे हैं – | मेरा भी हाल जान ही लीजिए – हमेशा की तरह शानदार जबरदस्त और बेमिसाल |

ऐसे तो आज हम आपको ले कर चलेंगे पटना से सटे , गंगा के इस पार अपने शहर हाजीपुर नही. नही. हरिहरपुर |

ए जी छोड़िए ..कहां हम भी राजनैतिक दलों वाले पेंच में फस जाते है नाम का चक्कर… कुछ लोग इसे हरिहरपुर बोलने की जिद करते है तो हमारे जैसे लोग हाजीपुर ( Hajipur- Heart of Bihar) ही कहना पसंद करते है |

चलिए आज के इस सफर में मैं आपको हाजीपुर के कुछ 5 जगहों पर ले चलूंगा |

hajipur
By <a href="//commons.wikimedia.org/w/index.php?title=User:Shubham_dwivedi&amp;action=edit&amp;redlink=1" class="new" title="User:Shubham dwivedi (page does not exist)">Shubham dwivedi</a> – <span class="int-own-work" lang="en">Own work</span>, CC BY-SA 4.0, Link

केले के बगान : हाजीपुर का सुप्रसिद्ध केला ( मालभोग केला )

banana tree palantations Hajipur
हाजीपुर के केले के बगान

हाजीपुर की बात हो और आप केला का चर्चा नही करे ये तो फिर हमारे शहर के साथ नाइंसाफी हो जायेगी ~ देखिए ऐसे तो हमारे शहर केले के लिए बहुत प्रसिद्ध है पर पिछले कुछ सालों में यहां पर केले के छाल से बनी कपड़े और सजावट के सामान की भी खूब चर्चा होती है | बिहार में लगे की भी सरस मेले में चले जाइए आपको ये हाजीपुर में बने ये सामान जरूर दिख जायेंगे.. बिआहर सरकार की सहयोग से ये बिजनेस भी खूब अच्छा चल रहा है | विदेशों में ये banana fibre से बने समान खूब बिकते है और ज्यादातर हाजीपुर से ही बने होते है | आप भी कुछ सम्मान यहां से खरीद सकते हैं |

हाजीपुर का सुप्रासिद मंदिर : पातालेश्वर महादेव मंदिर

आप हाजीपुर आए और आपने हाजीपुर – जधुआ रोड पे स्तिथ पटाएहवार नाथ महादेव मंदिर का भ्रमण नही किया तो आपका हाजीपुर आना सफल नहीं हुआ | मान्यता है की सैकड़ों साल पहले मंदिर में स्थित शिवलिंग स्वयं ही जमीन से बाहर निकली थी और ये शिवलिंग जमीन के अंदर बहुत गहराई तक है इसीलिए इसे पातालेश्वर नाथ महादेव नाम दिया गया | यहां मांगी गई हर मुराद शिवजी पूर्ण करते है | इसीलिए आप लोग जब भी हाजीपुर आए तो ये मंदिर जरूर जाए और अपने मन की मुराद पूर्ण करे | यहां सालो भर भीड़ अजी रहती है लेकिन शिवरात्रि के दिन था खास पूजा अर्चना आयोजित की जाती है |

रामचौरा मंदिर : रामायण काल से जुड़ी एक अनोखा मंदिर

रामायण काल से जुड़ा रामचौड़ा मंदिर हम हाजीपुरवासियों के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक मंदिर है | रामनवमी में यहां लाखो श्रद्धालु पूरे बिहार से आते है और श्री राम के चरण पादुकाओं को अपने मस्तक से लगा कर अपने जीवन को सार्थक बनाते है| राम जी जनकपुर जाते समय यहां पर विश्राम किए थे | इसलिए इस मंदिर का नाम रामचौर पड़ा | आप जब भी हाजीपुर आए तो इस मंदिर का भ्रमण जरूर करे था बहुत शांति मिलती है |

बिहार के दुग्ध उत्पादकों का एकमात्र मंदिर : बाबा भुइयाँ मन्दिर

जानिए बाबा भूइया स्थान पानापुर लंगा, वैशाली, बिहार के मंदिर के बारे में। क्या कहा दुकानदार ने ....

ये एक अनोखा मंदिर है : यहां दूध की नदिया बहती है | बाबा भुइयां माता गाहिल और बाबा बसावन की सफेद संगमरमर की मूर्ति जिसपर पूरे बिहार भर से किसान भाई आकर अपने पशुधन के अच्छे स्वास्थ्य एवं समृद्धि का आशीर्वाद पाते है | यहां आस पास मंदिर प्रांगण में बिकने वाले पेड़े और पशुओं के साज बाज के समान की भी किसान भाई खरीदारी करते है | आप हाजीपुर घूमे आए है तो हाजीपुर से 10 की मी के दूरी पर स्थित ये मंदिर घूमना नही भूले | यहां आपको गांव की विशेष पूजा पाठ देखने को भी मिलेगा | आप भी यहां पर आकर मन किन शांति प्राप्त करे और बाबा भुइयां का आशीर्वाद प्राप्त करे |

कोनहारा घाट : जन्म और मृत्यु की दर्पण

गज ग्रा की मूर्ति
कोनहारा घाट

आइए अब हम आपको अपने इस यात्रा के अंतिम पराव पर कि और लिए चलते हैं … कोनहारा घाट ..नाम में ही एक सवाल है कौन हारा ? और इस घाट की कहानी भी बहुत मजेदार है … आदिकाल की बात है गंगा और गंडक नदी के संगम स्थल पर स्तिथ इस घाट पर एक बार एक हाथी और एक मगरमछ में लड़ाई हो गई और दोनों ही भगवान विष्णु के अनन्य भक्त| दोनो भक्तो ने एक साथ भगवान विष्णु को मदद के लिए पुकार लगाई | भगवान विष्णु के लिए बहुत विस्मय की स्थिति बन गई की किसकी मदद की जाए और किसकी नही इसी के उपाय में भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से मगरमछ के टुकड़े कर के उसे मोक्ष को प्राप्त कराया और हाथी को आजाद करवाया .. इसी कथा से ये सवाल उठा की कोन हारा मोक्ष पाने वाला या जीत कर इसी संसार में रहन वाला …

इसी के साथ आज की यात्रा यही समाप्त करते है आशा करता हूं आप सभी को ये यात्रा पसंद आई होगी…..

ऐसे ही और भी शहर की यात्रा पर जाने के लिए यहां पर हम से जुड़े |

Exit mobile version