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स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर इन महान और प्रेरणादायी विचारों को अपनों संग शेयर करके उन्हें करें याद
स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर विशेष
स्वामी विवेकानंद, एक ऐसा नाम जो भारतीय संस्कृति, योग और वेदांत के प्रचार-प्रसार के लिए जाना जाता है। 4 जुलाई को हम उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके महान कार्यों और विचारों को याद करते हैं।
छोटी उम्र में बड़े-बड़े काम
स्वामी विवेकानंद ने सिर्फ 39 साल की उम्र में हमें छोड़ दिया, लेकिन उनका जीवन हमें आज भी प्रेरित करता है। उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था और 4 जुलाई 1902 को उनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने अपनी कम उम्र में ही विदेशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और शिक्षा और धर्म के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके द्वारा रामकृष्ण मिशन की स्थापना की गई, जो समाज में व्याप्त अशिक्षा और कुरीतियों का विरोध करती है।
Vivekananda Quotes: युवाओं के लिए जीवन मंत्र हैं स्वामी विवेकानंद के 10 अनमोल विचार

1. “उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।”
2. “जो आग हमें जलाती है, वही हमें मजबूत बनाती है।”
3. “एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमें डाल दो।”
4. “अपने जीवन में एक लक्ष्य बनाओ, उस पर दृढ़ रहो, और तब तक मेहनत करो जब तक वह पूरा न हो जाए।”
5. “खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है।”
6. “किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या न आए – आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।”
7. “सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी हर एक सत्य ही होगा।”
8.“तुम्हें अंदर से बाहर की ओर विकसित होना है। कोई तुम्हें पढ़ा नहीं सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुम्हारी आत्मा के अलावा कोई और गुरु नहीं है।”
9. “हम जो बोते हैं वही काटते हैं। हम स्वयं अपने भाग्य के निर्माता हैं।”
10. “किसी भी बात से मत डरिए। आप अद्भुत कार्य कर सकते हैं। जो साहसी हैं और जो ईश्वर में विश्वास रखते हैं, वे कभी असफल नहीं होते।”



स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर साझा करने के लिए सरल संदेश:
1. स्वामी विवेकानंद ने भारतीय समाज को जागरूकता दिलाई और उसे समृद्धि और सम्मान की दिशा में प्रेरित किया।
2. उनके विचारों ने युवाओं को साहसी और उत्साही बनाने में मदद की।
3. स्वामी जी ने विश्वधर्म और धर्मान्तरण के महत्वपूर्ण संदेश दिए।
4. उनका जीवन प्रेम, सेवा, और विश्वास के उदाहरणों से भरपूर था।
5. उनका अनुशासन, ध्यान, और विद्यार्थी जीवन पर गहरा प्रभाव डाला।
आगे और कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं में स्वामी विवेकानंद के विचार:
6.उन्होंने ध्यान और योग के माध्यम से मानवता के उद्धार के लिए प्रेरणा दी।
7.उनका संदेश था कि हर व्यक्ति में दिव्यता होती है और सबका सम्मान करना चाहिए।
8.उन्होंने विश्व धर्म सम्मेलन में भारतीय सभ्यता और धार्मिकता का प्रतिष्ठान बढ़ाया।

यहाँ कुछ सरल कहानियाँ हैं जो स्वामी विवेकानंद से जुड़ी हैं:
1. रामकृष्ण परमहंस के साथ मिलाप: स्वामी विवेकानंद की आध्यात्मिक यात्रा रामकृष्ण परमहंस से मिलने से शुरू हुई। पहले विवेकानंद ने उनकी आध्यात्मिक ज्ञान को परीक्षण में डाला, लेकिन रामकृष्ण के उत्तरों और आध्यात्मिक उपस्थिति ने उन्हें गहरे प्रभावित किया और उन्हें अपना शिष्य बनाया।
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2. शिकागो में धर्म संसद में भाषण: १८९३ में, स्वामी विवेकानंद ने विश्व धर्म संसद में हिन्दू धर्म का प्रतिनिधित्व किया। उनके खुले शब्द, “अमेरिका के बहनों और भाइयों,” ने सभी को प्रभावित किया और उन्हें खड़ा होकर सम्मान प्राप्त हुआ। उनका भाषण धर्म की सार्वत्रिकता, सहिष्णुता और विश्वास को जोर दिया, जिससे वे हिंदू धर्म के वैश्विक दूत बन गए।
3.गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा: स्वामी विवेकानंद ने आध्यात्मिकता के व्यावहारिक अनुप्रयोग में विश्वास रखा। उन्होंने गरीबों और समाज से बाहरी लोगों को उन्नति के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए। उन्होंने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की, जो भारत भर में स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा और सहायता प्रदान करती है।
स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि पर, आइए हम सब मिलकर उनके आदर्शों और शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लें। उनकी महान शिक्षाएँ हमें साहस, आत्मविश्वास और मानवता की सेवा का मार्ग दिखाती हैं। उनके आदर्शों का पालन कर हम अपने जीवन को और समाज को एक नई दिशा दे सकते हैं।
स्वामी विवेकानंद अमर रहें!