
विश्वकर्मा पूजा 2023 | पूजन विधि एवं शुभ मुहूर्त
प्रस्तावना:
भारतीय संस्कृति में धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार विशेष महत्व रखते हैं, और विश्वकर्मा पूजा भी इनमें से एक है। विश्वकर्मा पूजा भारत के विभिन्न हिस्सों में खुशी खुशी मनाई जाती है और यह पूजा शिल्पकला और उद्योगों के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। इस ब्लॉग में, हम जानेंगे कि विश्वकर्मा पूजा क्या है, इसकी पूजन विधि क्या है, और इसके शुभ मुहूर्त क्या हैं।
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विश्वकर्मा पूजा का महत्व:
विश्वकर्मा पूजा का महत्व उत्तर भारत के कई राज्यों में अधिक होता है, लेकिन यह पूजा देशभर में बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। यह पूजा उन्हीं व्यक्तियों द्वारा मनाई जाती है जो शिल्पकला और उद्योग से जुड़े होते हैं, जैसे कि विश्वकर्मा, टोकराम, लोहार, आदि। इस पूजा का उद्देश्य शिल्पकला और उद्योग को समर्पित करना है और उन्हें भगवान विश्वकर्मा की कृपा प्राप्त करने के लिए आशीर्वाद चाहिए।
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पूजन विधि:
1. पूजा की शुरुआत करने से पहले, एक शुद्ध स्थान का चयन करें और उसे सुखद और सुविधाजनक बनाएं।
2. विश्वकर्मा मूर्ति की तैयारी करें या खरीदें। मूर्ति को सजाने के लिए उसे सुन्दर और साफ रखें।
3. पूजा के लिए सामग्री जैसे कि दीपक, फूल, नैवेद्य, आदि का आयोजन करें।
4. पूजा का मुहूर्त चुनें, जो विश्वकर्मा पूजा के लिए शुभ होता है। वाणिज्यिक उद्योगों में काम करने वाले लोग इसे खासकर महत्वपूर्ण मानते हैं।
5. पूजा की शुरुआत करने से पहले, गणेश जी की पूजा करें और उनकी कृपा प्राप्त करें।
6. अब, विश्वकर्मा मूर्ति को स्थापित करें और उसे सुन्दरता से पूजें। आप दीपक जला सकते हैं और मन्त्र जप सकते हैं जैसे कि “ॐ विश्वकर्मणे नमः”।
7. नैवेद्य चढ़ाने के बाद, प्रसाद को बाँटें और उसे सभी के बीच बाँटें।

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विश्वकर्मा पूजा 2023 का मुहूर्त:
– पूजा का तिथि: 17 सितंबर 2023, रविवार।
– पूजा का समय: सुबह 10:15 से दोपहर 12:26 बजे तक रहेगा।
विश्वकर्मा पूजा के इस शुभ मुहूर्त में भगवान विश्वकर्मा की पूजा और उनकी कृपा की प्राप्ति की जा सकती है। विशेषकर उन लोगों के लिए जो उद्योग और शिल्प क्षेत्र में काम करते हैं, यह पूजा बहुत महत्वपूर्ण है।
सारांश:
विश्वकर्मा पूजा 2023 का शुभ मुहूर्त हमें भगवान विश्वकर्मा की कृपा प्राप्त करने का मौका देता है और शिल्पकला के क्षेत्र में समृद्धि की आशा दिलाता है। इस दिन को ध्यानपूर्वक मनाकर हम अपने उद्योग और शिल्प कार्यों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
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FAQ
2023 में विश्वकर्मा जयंती कब है?
Vishwakarma Puja 2023 Kab Hai: कन्या संक्रांति 17 सितंबर को भगवान विश्कर्मा की जयंती मनाई जाती है. जानते हैं इस साल विश्वकर्मा पूजा का समय, और महत्व. Share: Vishwakarma Jayanti 2023 Date: हर साल कन्या संक्रांति 17 सितंबर को भगवान विश्कर्मा की जयंती मनाई जाती है.
17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा क्यों मनाया जाता है?
17 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है विश्वकर्मा पूजा? सृष्टि के रचयिता ब्रम्हा जी के सातवें पुत्र विश्वकर्मा भगवान का जन्म 17 सितंबर को हुआ था. इसलिए हर साल इस दिन विश्वकर्मा भगवान की पूजा की जाती है. विश्वकर्मा भगवान दुनिया का पहले शिल्पकार, वास्तुकार और इंजीनियर थे.
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