अष्टमी (Ashtami): शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन को अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा की जाती है। अष्टमी का मुहूर्त और पूजा का समय स्थानीय पंचांग और प्राधिकृत धार्मिक पंथ के आधार पर निर्धारित होता है।
नवमी (Navami): शारदीय नवरात्रि के नौवें दिन को नवमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा की जाती है और कन्या पूजन का आयोजन किया जाता है। नवमी का मुहूर्त और पूजा का समय भी स्थानीय पंचांग और धार्मिक पंथ के अनुसार निर्धारित होता है।
शारदीय नवरात्रि 2023 में अष्टमी और नवमी की तिथियाँ निम्नलिखित हैं:
1. अष्टमी: शारदीय नवरात्रि 2023, इस साल की बात की जाए तो 21 अक्टूबर, शनिवार को रात 9 बजकर 53 मिनट पर अष्टमी तिथि का आरंभ होगा और 22 अक्टूबर, रविवार को शाम 7 बजकर 58 तक यह शुभ घड़ी रहेगी। इस दिन दुर्गा माता की पूजा व्रत किया जाता है।

2. नवमी: नवमी तिथि इस साल की नवमी तिथि 22 अक्टूबर,रविवार 2023 को रात 7 बजकर 58 मिनट से शुरू होगी और 23 अक्टूबर, सोमवार को शाम 5 बजकर 44 मिनट तक रहेगी। इस दिन नवमी के मौके पर भगवान राम के जन्म की पूजा भी की जाती है और नवरात्रि का पर्व पूरा होता है।
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व्रत पारण समय: शारदीय नवरात्रि के अष्टमी और नवमी के दिन, व्रत पारण समय शाम को होता है। व्रती इस समय पूजा करके व्रत तोड़ सकते हैं।
मुहूर्त: अष्टमी तिथि को कन्या पूजन के तीन शुभ मुहूर्त बन रहे हैं पहला सुबह 6 बजकर 26 से लेकर 6 बजकर 44 मिनट तक, दूसरा सुबह 7 बजकर 51 मिनट से शुरू होगा और 9 बजकर 16 तक रहेगा, तीसरा उसी दिन सुबह 9 बजकर 16 से शुरू होकर 10 बजकर 41 तक रहेगा।

इस दिन भी कई ऐसे कई मुहूर्त है जिस पर आप कन्या पूजन कर सकते हैं। जैसे पहला मुहूर्त सुबह 6 बजकर 27 से शुरू होकर 7 बजकर 51 तक रहेगा। दूसरा मुहूर्त 9 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 10 बजकर 41 मिनट तक रहेगा और तीसरा मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर 2 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। यहां तक की 2:बजकर 55 मिनट से लेकर दोपहर 4 बजकर 19 तक का भी एक मुहूर्त है।
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पूजा और व्रत के लिए अच्छे मुहूर्तों का पालन करना शुभ माना जाता है, लेकिन मुहूर्त विशिष्ट जगह और पंडितों के सुझाव के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं।

इस पर्व के दौरान, लोग दुर्गा माता की पूजा, दिनभर के उपवास, और आराधना करते हैं। यह पर्व हिन्दू धर्म के एक महत्वपूर्ण त्योहार में से एक है और भगवानी दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है।
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