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Hartalika Teej 2023 : हरतालिका तीज की व्रत कथा और पूजा की विधि

Happy Hartalika Teej 2023

Happy Hartalika Teej 2023

रतालिका तीज का व्रत हिन्दू धर्म में सबसे बड़ा व्रत माना जाता हैं. यह तीज का त्यौहार भादो की शुक्ल तीज को मनाया जाता हैं. खासतौर पर महिलाओं द्वारा यह त्यौहार मनाया जाता हैं.  हरतालिका तीज में भगवान शिव, माता गौरी एवम गणेश जी की पूजा का महत्व हैं. यह व्रत निराहार एवं निर्जला किया जाता हैं. रत जगा कर नाच गाने के साथ इस व्रत को किया जाता हैं.

हरतालिका तीज पूजा की विधि (Hartalika Teej Pooja ki Vidhi)

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हरतालिका तीज व्रत कथा (Hartalika Teej Vrta Katha)

माता गौरा ने सती के बाद हिमालय के घर पार्वती के रूप में जन्म लिया . बचपन से ही पार्वती भगवान शिव को वर के रूप में चाहती थी. जिसके लिए पार्वती जी ने कठोर ताप किया उन्होंने कड़कती ठण्ड में पानी में खड़े रहकर, गर्मी में यज्ञ के सामने बैठकर यज्ञ किया. बारिश में जल में रहकर कठोर तपस्या की. बारह वर्षो तक निराहार पत्तो को खाकर पार्वती जी ने व्रत किया.

उनकी इस निष्ठा से प्रभावित होकर भगवान् विष्णु ने हिमालय से पार्वती जी का हाथ विवाह हेतु माँगा. जिससे हिमालय बहुत प्रसन्न हुए. और पार्वती को विवाह की बात बताई. जिससे पार्वती दुखी हो गई. और अपनी व्यथा सखी से कही और जीवन त्याग देने की बात कहने लगी. जिस पर सखी ने कहा यह वक्त ऐसी सोच का नहीं हैं और सखी पार्वती को हर कर वन में ले गई. जहाँ पार्वती ने छिपकर तपस्या की. जहाँ पार्वती को शिव ने आशीवाद दिया और पति रूप में मिलने का वर दिया.

हिमालय ने बहुत खोजा पर पार्वती ना मिली. बहुत वक्त बाद जब पार्वती मिली तब हिमालय ने इस दुःख एवं तपस्या का कारण पूछा तब पार्वती ने अपने दिल की बात पिता से कही. इसके बाद पुत्री हठ के करण पिता हिमालय ने पार्वती का विवाह शिव जी से तय किया. इस प्रकार हरतालिक व्रत अवम पूजन प्रति वर्ष भादो की शुक्ल तृतीया को किया जाता हैं .

हरतालिका तीज व्रत नियम

  1. हरतालिका व्रत निर्जला किया जाता हैं, अर्थात पूरा दिन एवं रात अगले सूर्योदय तक जल ग्रहण नहीं किया जाता.
  2. हरतालिका व्रत सौभाग्यवती महिलाओं द्वारा किया जाता हैं .इसे विधवा महिलायें भी कर सकती हैं.
  3. हरतालिका व्रत का नियम हैं कि इसे एक बार प्रारंभ करने के बाद छोड़ा नहीं जा सकता . इसे प्रति वर्ष पुरे नियमो के साथ किया जाता हैं.
  4. हरतालिका व्रत के दिन रतजगा किया जाता हैं. पूरी रात महिलायें एकत्र होकर नाच गाना एवम भजन करती हैं. नये वस्त्र पहनकर पूरा श्रृंगार करती हैं.
  5. हरतालिका व्रत जिस घर में भी होता हैं. वहाँ इस पूजा का खंडन नहीं किया जा सकता अर्थात इसे एक परम्परा के रूप में प्रति वर्ष किया जाता हैं.

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Hartalika Teej 2023

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