
सभी धार्मिक स्थल पर शंख बजाया जाता है। केवल बद्रीनाथ धाम को छोड़कर, क्या आप इसके पीछे का कारण जानती हैं अगर नहीं तो हम आपको बताने वाले हैं।

हिंदू धर्म में पूजा पाठ के दौरान शंख बजाया जाता है। कोई भी शुभ काम शुरू करने से पहले हम पूजा पाठ करते हैं इन दौरान शंख जरूर बजाया जाता है। हालांकि, उत्तराखंड के चार धाम में आने वाला बद्रीनाथ धाम में शंख नहीं बजाया जाता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको इसके पीछे का मुख्य कारण बताने वाले हैं।
उत्तराखंड की खूबसूरती को देखने ना केवल भारत के लोग आते हैं बल्कि विदेश से भी लोग यहां घूमने आते हैं। उत्तराखंड को छोटे चार धाम के रूप में भी जाना जाता है, जिनमें सबसे खास बद्रीनाथ धाम है। इस मंदिर में कभी भी शंख नहीं बजाया जाता है। क्या आप इसके पीछे का कारण जानती हैं?

आमतौर पर लोगों का कहना है कि- मंदिरों में देवी-देवताओं का पूजा-अर्चना के साथ शंख ध्वनि से भी उनका आह्वान करते हैं, लेकिन हिमालय की तलहटी पर स्थित बद्रीनाथ धाम में शंखनाद नहीं होता है। इसके पीछे का कारण काफी लोग नहीं जानते हैं। चलिए जानें
इसका धार्मिक कारण क्या है
बद्रीनाथ धाम में शंख ना बजाने के पीछे धार्मिक मान्यता है। कहा जाता है कि मां लक्ष्मी बद्रीनाथ में बने तुलसी भवन में ध्यान लगा रही थी। तभी भगवान विष्णु ने शंखचूर्ण नाम के एक राक्षस का वध किया था। वहीं विष्णु जी लक्ष्मी जी के ध्यान में विघ्न नहीं डालना चाहते थे। इसलिए उन्होंने शंख नहीं बजाया था। तभी से बद्रीनाथ धाम में शंख ना बजाने का मान्यता चलता आ रहा है।
इसे जरूर पढ़ें:जय श्री राम स्टेट्स शायरी सुविचार । Jai Shree Ram Status Shayari Quotes Images in Hindi
वैज्ञानिकों का क्या कहना है
वैज्ञानिकों का कहना है कि बद्रीनाथ में काफी अधिक ठंड होती हैं। अगर यहां शंख बजता है तो उसकी ध्वनि पहाड़ों से टकराकर प्रतिध्वनि पैदा करती है। इस कारण बर्फ में दरार पड़ने या फिर बर्फीले तूफान आने की आशंका बन सकती है। इसके कारण भी यहां शंख नहीं बजाया जाता है।
इसे जरूर पढ़ें: क्या आप जानते हैं श्री राम के धनुष का नाम ? जानें रोचक जानकारी
अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें UPRISING BIHAR के साथ।