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मलमास में भगवान शिव पर जलाभिषेक करें या नहीं,जाने सम्पूर्ण जानकारी |

जलाभिषेक एक देवता पर जल चढ़ाने की रस्म है। ऐसा माना जाता है कि यह देवता को शुद्ध करने और किसी भी अशुद्धियों को दूर करने का एक तरीका है।

शिव जलाभिषेक पोस्टर और वॉलपेपर
मलमास में भगवान शिव पर जलाभिषेक करें या नहीं poster

जलाभिषेक विशेष रूप से सावन के महीने में लोकप्रिय है, जो भगवान शिव को समर्पित है।
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क्या मलमास में भगवान शिव के जलाभिषेक का विधान है?


कुछ लोगों का मानना ​​है कि मलमास में भगवान शिव पर जलाभिषेक करना शुभ नहीं होता है। मलमास हिंदू कैलेंडर में एक ऐसी अवधि है जिसे अशुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मलमास के दौरान किए गए किसी भी शुभ कार्य का वांछित फल नहीं मिलता है।

हालांकि, अन्य लोगों का मानना ​​है कि मलमास में भगवान शिव पर जलाभिषेक करना बिल्कुल ठीक रहता है. उनका तर्क है कि जलाभिषेक करना अपने आप में शुभ है और इस पर मलमास की अशुभता का प्रभाव नहीं पड़ेगा।

शिव के जलाभिषेक के पोस्टर
शिव जी के जल अभिषेक वॉलपेपर

मलमास में भगवान शिव पर जलाभिषेक करने या न करने का निर्णय अंततः व्यक्तिगत होता है। कोई सही या गलत जवाब नहीं है। अगर आपको मलमास में भगवान शिव पर जलाभिषेक करना सहज लगता है तो आपको ऐसा करना चाहिए।
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भगवान शिव पर जलाभिषेक करने के क्या लाभ है?


यह देवता को शुद्ध करने और किसी भी अशुद्धियों को दूर करने का एक तरीका है।
यह भगवान शिव के प्रति भक्ति और श्रद्धा दिखाने का एक तरीका है।
ऐसा माना जाता है कि यह सौभाग्य और समृद्धि लाता है।
मान्यता यह भी है कि बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करने में मदद करता है।
लोगों का यह भी मानना है कि यह शांति और सद्भाव को बढ़ावा देता है।

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यदि आप मलमास में भगवान शिव पर जलाभिषेक करने का निर्णय लेते हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखें:

मलमास में भगवान शिव पर जलसेवा
मलमास में भगवान शिवपूजा


जलाभिषेक के लिए शुद्ध जल का प्रयोग करें।
सच्चे और भक्तिपूर्ण मन से जलाभिषेक करें।
जलाभिषेक के दौरान भगवान शिव की पूजा-अर्चना और मंत्रोच्चार करें।
किसी मंदिर या दान-दक्षिणा देकर जलाभिषेक समाप्त करें।


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मुझे आशा है कि इस लेख से आपको यह निर्णय लेने में मदद मिली होगी कि मलमास में भगवान शिव पर जलाभिषेक करना चाहिए या नहीं।

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