Sattuz: बिहार का प्रसिद्ध एनर्जी ड्रिंक सत्तू आमतौर पर गर्मियों में शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए खाया जाता है। इसके अतिरिक्त, सत्तू में बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं जो कुछ बीमारियों के इलाज में सहायता करते हैं। सत्तू बनाने के अलावा इसका उपयोग लिट्टी बनाने में भी किया जाता है। बिहार का लिट्टी-चोखा पूरे देश में मशहूर है।
अब तक आप सभी ने सत्तू को एनर्जी ड्रिंक के तौर पर इस्तेमाल किया होगा, लेकिन बिहार के पटना में एक ऐसी कंपनी स्थापित की गई है जो लोगों को कई वैरायटी और स्वाद में सत्तू उपलब्ध कराती है। आप कार या हवाई जहाज़ कहीं भी हों, एक बोतल में आसानी से यह सत्तू बना सकते हैं। आइए जानते हैं इस स्टार्टएप के बारे में-
2018 में शुरू हुई Sattuz कंपनी

14 अप्रैल 2018 को उत्तर भारत में सतुआनी (सतुआन) मनाया जाता है। इस दिन खासकर लोग सत्तू का सेवन करते हैं। इसी दिन सचिन कुमार ने अपने स्टार्टअप को लॉन्च कर दिया। उन्होंने एमबीए पूरा करने के बाद नौकरी न करने का फैसला किया। कुछ नया और मौलिक करने के इरादे से उन्होंने सत्तूज ब्रांड की स्थापना की, जहां सत्तू से कई तरह के उत्पाद बनाए जाते हैं।
सचिन के अनुसार बिहार में ऐसा कोई नहीं होगा जिसने सत्तू न खाया हो। लेकिन बिहार के बाहर कम ही लोग सत्तू से परिचित हैं। अभी तक कोई वैश्विक कंपनी भी नहीं बनी है। इसलिए उन्होंने बिहार के सत्तू को पूरी दुनिया में फैलाने का फैसला किया।
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ऐसे शुरू हुआ सफर
अपने एमबीए के दौरान, सचिन को मार्केटिंग में रुचि विकसित हुई। एक समय उनका मानना था कि बिहार वैश्विक स्तर पर ऐसी प्रसिद्धि पैदा कर सकता है। सचिन मधुबनी जिले से हैं। यहां का मखाना और मिथिला पेंटिंग दुनिया भर में प्रसिद्ध है, लेकिन सत्तू पर किसी का ध्यान नहीं गया।

नौकरी छोड़कर गांव वापस आने के कुछ साल बाद सचिन की शादी हो गई। उनकी पत्नी बीए पास थीं। दोनों ने 2014 से सत्तू पर रिसर्च शुरू की। बिहार के कई शहरों का दौरा करने के साथ-साथ वे दिल्ली और मुंबई की यात्रा करने लगे जहां सत्तू का उत्पादन होता था। हर जगह केवल सादा, जीरा-स्वाद वाला सत्तू देखने को मिलता था। इसका कोई विशिष्ट ब्रांड नहीं था। सभी लोकल बाज़ार से आते थे। रेडी-टू-ड्रिंक रूप में आने वाला कोई सत्तू उत्पाद नहीं दिखा।
जब सचिन ने पहली बार अपने दोस्तों, परिवार और परिचितों को सत्तू के स्टार्टअप की स्थापना के बारे में बताया, तो उनमें से कई ने उनका मजाक उड़ाया। वे कहते थे “सत्तू का बिजनेस भी कोई आइडिया है”।
Sattuz में मिलते हैं कई प्रोडक्ट्स

सत्तुज़ कैफे में मिलने वाले कई प्रोडक्ट्स में ठेकुआ, नमकीन, सत्तू, दाल-पीठा, चाय और कई अन्य उत्पाद शामिल हैं। हालांकि सत्तू आमतौर पर नमक के साथ लिया जाता है। लेकिन सत्तूज इसे जलजीरा, चॉकलेट और मीठा जैसे फ्लेवर्स में भी उपलब्ध कराता है। सत्तू जलजीरा फ्लेवर का सेवन मधुमेह रोगी भी कर सकते हैं।
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जोमैटो और स्विगी से घर बैठे मंगवा सकते हैं प्रोडक्ट्स
सत्तूज़ कैफे के उत्पाद ज़ोमैटो और स्विगी दोनों पर उपलब्ध हैं। आप इन दोनों फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म के माध्यम से जब चाहें घर बैठे सत्तुज के उत्पादों को आसानी से ऑर्डर कर सकते हैं। इसके अलावा चौबीसों घंटे खुला रहता है। आप जब चाहें यहां अलग-अलग प्रोडक्ट्स का लुत्फ उठा सकते हैं।
पूरे विश्व में दिलानी है पहचान

सत्तूज़ के माध्यम से सचिन न केवल अपने भारत में बल्कि पूरी दुनिया में पारंपरिक बिहारी पेय सत्तू को अलग पहचान देना चाहते हैं। यह कई स्वास्थ्य लाभों वाला एक अच्छा पेय है। आमतौर पर बच्चे सत्तू से परहेज करते हैं। लेकिन यहां चॉकलेट के स्वाद वाला सत्तू मिलता है, जो बच्चों को खूब पसंद आता है। उनका सत्तू वर्तमान में अमेरिका, यूके, सिंगापुर और ओमान सहित दर्जनों देशों में बेचा जाता है। यहां 10,000 पैकेट यानी 18 क्विंटल सत्तू की मासिक सप्लाई होती है। कंपनी का सालाना टर्नओवर 1.5 करोड़ और मुनाफा 30% है।
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