
दुर्गा माता आरती पोस्टर इमेज
नवरात्रि नौ दिवसीय हिंदू त्योहार है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाता है। यह भक्तों के लिए देवी दुर्गा की पूजा करने का समय है | इस अद्भुत त्योहार के दौरान हम सभी दुर्गा माता की आराधना और भक्ति में लीन होते हैं। नवरात्रि के इस महापर्व के अवसर पर दुर्गा पूजा आरती का आयोजन करने से हमारा मन और आत्मा शुद्धि की ओर बढ़ते हैं।

इस साल नवदुर्गा की उपासना का ये पावन पर्व 15 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करते हैं।
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नवरात्रि के दिनों में गाई जाने वाली प्रमुख आरती के बोल
नवरात्रि के प्रत्येक दिन को एक अलग पूजा (अनुष्ठान) और एक अलग आरती (स्तुति का भजन) द्वारा चिह्नित किया जाता है। नवरात्रि के दौरान सबसे लोकप्रिय आरती मां दुर्गा की आरती है। यह आरती एक सुंदर और प्रेरक भजन है जो दुर्गा के कई गुणों की प्रशंसा करता है।
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यहाँ माँ दुर्गा की आरती के बोल हैं:
मां दुर्गा की आरती
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥
जय अम्बे गौरी
माँग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को।
उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको॥
जय अम्बे गौरी
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै॥
जय अम्बे गौरी
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी।
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी॥
जय अम्बे गौरी
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति॥
जय अम्बे गौरी
शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती॥
जय अम्बे गौरी
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
जय अम्बे गौरी
ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी।
आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी॥
जय अम्बे गौरी
चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरूँ।
बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरु॥
जय अम्बे गौरी
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता।
भक्तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता॥
जय अम्बे गौरी
भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी।
मनवान्छित फल पावत, सेवत नर-नारी॥
जय अम्बे गौरी
कन्चन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति॥
जय अम्बे गौरी
श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावै।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै॥
जय अम्बे गौरी
आमतौर पर पूजा के बाद दुर्गा की आरती गाई जाती है। यह पूजा को समाप्त करने और दुर्गा के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त करने का एक सुंदर तरीका है।
नवरात्रि उत्सव और नवीनीकरण का समय है। यह दुर्गा की पूजा करने, उनका आशीर्वाद लेने और एक अच्छा और सात्विक जीवन जीने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का समय है।
नौ दिनों का उत्सव: नवरात्रि में जीवन के नए रंग चढ़ाएं

किसी स्थानीय मंदिर में नवरात्रि पूजा में भाग लें।
घर पर ही मां दुर्गा की आरती करें.
-नवरात्रि के एक या अधिक दिनों तक व्रत रखें।
ऐसी चैरिटी को दान करें जो महिलाओं या बच्चों की सहायता करती हो।
अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं।
नवरात्रि स्त्री परमात्मा की शक्ति का जश्न मनाने का समय है। यह आपके विश्वास को नवीनीकृत करने और परमात्मा के साथ अपने संबंध को मजबूत करने का समय है। उत्सव के माहौल का आनंद लें और नौ दिनों के उत्सव का आनंद लें!
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जय माँ दुर्गा !
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