
आपने लोगों को अक्सर कहते हुए सुना होगा की मंदिर-मस्जिद बनाने से क्या होगा? इससे अच्छा कोई स्कूल या अस्पताल बना दिया जाए। लेकिन ये बिहार हैं, यहाँ एक ऐसा भी मंदिर है जहाँ लोग पूजा पाठ के अलावा शिक्षा ग्रहण करने के लिए भी पहुंचते है।
यहाँ वैसे बच्चे बड़ी संख्या में आते है, जिनकी आर्थिक स्थिति काफी कमजोर है लेकिन उनमे कुछ कर गुजरने की प्रबल इच्छा है। तो आइये जानते है बिहार के इस अनोखे मंदिर के बारे में जहाँ से तयारी कर चुके अब तक 1200 से ज्यादा छात्रों को सरकारी नौकरी मिल चुकी है………..
बिहार के मंदिर में फ्री कोचिंग
दरअसल बिहार के रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम में एक ऐसा महावीर मंदिर (Mahavir Mandir Sasaram) है, जहां आस-पास के इलाकों और गांवों के छात्र समूहों में सरकारी भर्ती परीक्षाओं की तैयारी करने पहुंचते हैं। यहां आने वाले विद्यार्थी रेलवे, बैंकिंग सेवाओं, SSC और अन्य भर्ती परीक्षाओं की तैयारी करने आते हैं।

बिहार के इस कोचिंग की सबसे बड़ी खासियत है यह है कि यहां कोई शिक्षक नहीं है, सभी छात्र हैं और ये छात्र नियमित कक्षा, प्रश्नोत्तरी और मॉक टेस्ट में भाग लेते हैं। प्रश्नोत्तरी और मॉक टेस्ट में प्रदर्शन के आधार पर, छात्रों को साथी छात्रों को पढ़ाने के लिए चुना जाता है।
ऐसे हुई इस कोचिंग संस्थान की शुरुआत
कहानी शुरू होती है साल 2006 से। जब एक साधारण परिवार से नौकरी का सपना पाले गांव से सासाराम आए छोटेलाल सिंह और राजेश पासवान कोचिंग की महंगी फीस के कारण कोचिंग संस्थानों में अपना नामांकन कराने में असमर्थ महसूस करने लगे। जिस कारण उनकी मंजिल उनसे दूर होते दिखने लगी।
फिर उन्होंने गांव लौटने का भी मन बनाया। इसी बीच कुछ दोस्तों ने सासाराम के कुराइच स्थित महावीर मंदिर के बाग में बैठकर योजना बनाई कि वे बिना कोचिंग तैयारी करेंगे। उस योजना के दौरान मंदिर में प्रतिदिन तैयारी करने का समय तय कर लिया गया।
बढ़ता गया सरकारी पदों पर यहाँ के छात्रों के चयन का सिलसिला
आपको बता दें कि राजेश पासवान अभी कोलकाता के पास भारतीय रेलवे में ही कार्यरत हैं। वहीं, छोटेलाल सिंह फिलहाल खुद रेल चक्का कारखाना, छपरा में कार्यरत हैं। इस निशुल्क संस्थान में पढ़ाई करने के बाद सबसे पहले 2007 में सुमित का एक्साइज इंस्पेक्टर के पद पर चयन हुआ।
उसके बाद अगले साल उदय का चयन सहायक स्टेशन मास्टर के पद पर हो गया। जिसके बाद यहाँ के छात्रों का उत्साह बढ़ता गया। धीरे-धीरे कुछ ही सालों में यहां स्वयं तैयारी करने वालों की संख्या सैकड़ों में पहुँच गई।

सरकारी पदों पर यहाँ के छात्रों के चयन का सिलसिला बढ़ता गया। इसी बीच मृत्युंजय बिहार पुलिस, मनीष टैक्स असिस्टेंट, मुन्ना कुमार एक्साइज इंस्पेक्टर, मिथिलेश पाठक सचिवालय सहायक समेत अन्य साथी भी विभिन्न पदों पर चयनित होते गए।
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अब तक 1200 से ज्यादा छात्रों को मिली सरकारी नौकरी
आपको बता दें की बिहार के इस संस्थान का नाम महावीर क्विज एंड टेस्ट सेंटर (Mahaveer Quiz and Test Centre) रखा गया है। एक एक करके गरीब युवा छात्र यहाँ से जुड़ने लगे। छोटेलाल बताते हैं कि – “हम लोगों से जुड़ते चले गए और फिर छात्रों का बड़ा समूह बनता चला गया।”

उन्होंने कहा कि फिलहाल ‘महावीर क्विज एंड टेस्ट सेंटर’ में 700 छात्र जुड़े हुए हैं, जो हर रोज कोचिंग में भाग ले रहे हैं। 2006 से लेकर अब तक देशभर में 1200 से ज्यादा छात्र सरकारी नौकरी में सेवारत हैं। वहीं, इस संस्थान से पढ़ाई कर चुके 55 छात्र सिर्फ बिहार में दरोगा की पोस्ट पर चयनित हुए हैं।
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महावीर क्विज सेंटर एक वरदान
महावीर क्विज सेंटर के संस्थापक (Mahaveer Quiz Centre Founder) सदस्य छोटेलाल सिंह का कहना है कि, गरीब घर में जन्म लेने के बाद भी सपने को उड़ान देने में कमी नहीं की। उन्होंने कहा कि अभाव ग्रस्त बच्चों की प्रतिभाएं कुंठित हो रही है।
ऐसे में उनके लिए महावीर क्विज सेंटर (Mahavir Quiz Test Centre) एक वरदान के रूप में है। महावीर मंदिर में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने से इसका नाम महावीर क्विज एंड टेस्ट सेंटर रखा गया। प्रबंधन का कार्य पूर्ववर्ती छात्रों द्वारा किया जाता है। उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया हो इसे पढ़ने के लिए धन्यवाद, ऐसे ही आर्टिकल पढ़ते रहने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ। यह लेख पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर जरूर करें।