
कौनहारा घाट भारतीय राज्य बिहार के हाजीपुर में एक नदी तट है । कौनहारा घाट गंगा-गंडक नदियों के प्रमुख घाटों में से एक है। जहां सदियों से पूजा और दाह संस्कार साथ-साथ किया जाता रहा है। इसका नाम एक किंवदंती से उपजा है ।इसी घाट पर गज और ग्राह की लड़ाई हुई थी, जिसमें ग्राह गज को पानी में खींच कर डुबो रहा था। तब गज ने भगवान विष्णु को याद किया और प्रार्थना की तो भगवान विष्णु ने गज की रक्षा करने के लिए अवतार लिया और गज व ग्राह की लड़ाई को खत्म किया. तब से हाजीपुर का ये घाट कोनहारा घाट के नाम से प्रचलित हो गया।
हाजीपुर के लोग हर पूर्णिमा पर और विशेष रूप से कार्तिक पूर्णिमा के दौरान । हर छठ पूजा के लिए घाट को सजाया जाता है ।
पंचायती राज सिस्टम और स्वास्थ्य सेवाओं का उपलब्धता
हाजीपुर कोंहरा घाट बिहार के वैशाली जिले में स्थित है जहां कई प्राचीन मंदिर स्थापित हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण मंदिरों का जिक्र किया जाएगा।

- बाबा हजरत पीर का मंदिर – हाजीपुर कोंहरा घाट पर स्थित यह मंदिर मुस्लिम संत हजी पीर के नाम पर बना है। इस मंदिर में हजी पीर की मजार भी है जिसे लोग बहुत श्रद्धा से पूजते हैं।
- रामजी मंदिर – यह मंदिर हाजीपुर कोंहरा घाट पर स्थित है। इस मंदिर में भगवान राम की मूर्ति स्थापित है। यह मंदिर भगवान राम के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है।
- भैरवी मंदिर – यह मंदिर हाजीपुर कोंहरा घाट पर स्थित है। इस मंदिर में भैरवी माता की मूर्ति स्थापित है। इस मंदिर में भैरवी माता के भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी करवाने आते हैं।
- गंगा मंदिर – यह मंदिर हाजीपुर कोंहरा घाट पर स्थित है। इस मंदिर में माँ गंगा की मूर्ति स्थापित है। इस मंदिर में माँ गंगा के भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी कव लेते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं।
- शिव मंदिर – यह मंदिर हाजीपुर कोंहरा घाट पर स्थित है। इस मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति स्थापित है। इस मंदिर में भगवान शिव के भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी करवाने आते हैं।
हाजीपुर कोंहरा घाट का इतिहास बहुत पुराना है। यहां पर बहुत से प्राचीन मंदिर हैं जो लोगों के धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन को समृद्ध करते हैं। यह स्थान बिहार के धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है।