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अच्छी खबर: बिहार के नालंदा युनिवर्सिटी में 800 साल बाद फिर से पढाई शुरू, विदेशी छात्रों ने भी लिया नामांकन

Nalanda University

नालंदा विश्वविद्यालय को राज्य एवं केंद्र सरकार के सफल प्रयास से पुनः स्थापित किया गया है। वर्तमान में 180 विदेशी और 630 भारतीय छात्र रहकर पढ़ाई कर रहे हैं।

Nalanda University

फिर से अतीत के पन्नों से बाहर निकलकर नालंदा विश्वविद्यालय (Nalanda University) अपनी खोई हुई गरिमा को वापस लाने में कामयाब होता दिख रहा है।

450 ई पांचवी सदी में गुप्त काल के दौरान कुमारगुप्त ने नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की थी जिसमें उस समय में 10000 देसी और विदेशी छात्र रहकर पढ़ाई करते थे।

12वीं शताब्दी सन 1193 में आकर मुगल साम्राज्य के एक क्रूर एवं अत्याचारी राजा बख्तियार खिलजी ने इसमें आग लगा दी थी। अब एक बार फिर से 800 साल बाद नालंदा विश्वविद्यालय राज्य एवं केंद्र सरकार के सफल प्रयास से पुनः स्थापित किया गया है।सुरक्षा की ऐसी चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है कि बगैर इजाजत के विश्वविद्यालय परिसर में परिंदा भी पर नहीं मार सकता है। नालंदा विश्वविद्यालय की खूबसूरती और इसकी बनावट काफी खूबसूरत है। इसकी खूबसूरती की जितनी भी चर्चा की जाए वह काम है।

ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं इंटरनेशनल फैकल्टी

बताया जाता है कि विश्वविद्यालय का निर्माण पुराने विश्वविद्यालय के तर्ज पर ही किया गया है. इसमें तकरीबन एक दर्जन से ऊपर सरोवर पार्क, मेडिकल सुविधा, घूमने की सुविधा सहित बेहतर और शांतिपूर्ण माहौल में विद्यार्थी अध्ययन कर सकेंगे।सोमवार को विश्वविद्यालय में कार्यक्रम हुआ। इसको लेकर विश्वविद्यालय की कुलपति सुनैना सिंह ने कई जानकारी दी। कहा कि हमारे प्रोग्राम तो इसी कैंपस से 2019 से चल रहे थे। लेकिन 800 साल बाद अब छात्र नालंदी की धरती यानी नालंदा में ही रहेंगे।

इंटरनेशनल फैकल्टी भी ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं। एमबीए प्रोग्राम में 100 परसेंट प्लेसमेंट भी है. मैं भी गर्व महसूस कर रही हूं कि 800 साल बाद एक बार फिर से पढ़ाई शुरू हुई है।

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