

हिंदू धर्म में वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को विशेष महत्व बताया गया है. क्योंकि इस तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है. इस बार अक्षय तृतीया का त्योहार 22 अप्रैल यानी आज मनाया जा रहा है. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, इस दिन किए गए शुभ एवं धार्मिक कार्यों के अक्षय फल मिलते हैं. इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों ही अपनी उच्च राशि वृषभ में होते हैं, इसलिए दोनों की सम्मिलित कृपा का फल अक्षय हो जाता है.
अक्षय का अर्थ होता है- जिसका क्षय ना हो. ऐसी मान्यता है कि इस दिन परशुराम, नर-नारायण, हयग्रीव का अवतार हुआ था. इसी दिन से बद्रीनाथ के कपाट भी खुलते हैं और इसी दिन वृंदावन में भगवान बांके बिहारी के चरणों के दर्शन होते हैं. अक्षय तृतीया पर मूल्यवान वस्तुओं की खरीदारी की जाती है. इस दिन सोना खरीदना सबसे शुभ होता है. इससे धन की प्राप्ति भी होती है और दान का अक्षय बना रहता है. ये साल का स्वयं सिद्धि मुहूर्त है. इस दिन बिनी किसी शुभ मुहूर्त के शुभ काम हो सकते हैं.
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तृतीया शुभ मुहूर्त
अक्षय तृतीया 22 अप्रैल 2023, शनिवार यानी आज मनाई जा रही है. अक्षय तृतीया की तिथि 22 अप्रैल यानी आज सुबह 07 बजकर 49 मिनट से शुरू हो रही है और इसका समापन 23 अप्रैल यानी कल सुबह 07 बजकर 47 मिनट पर हो रहा है. अक्षय तृतीया का पूजन मुहूर्त आज सुबह 07 बजकर 49 से दोपहर 12 बजकर 20 तक रहेगा.

अक्षय तृतीया पूजन विधि
इस दिन सुबह स्नान से शुद्ध होकर पीले वस्त्र धारण करें. अपने घर के मंदिर में विष्णु जी को गंगाजल से शुद्ध करके तुलसी, पीले फूलों की माला या पीले पुष्प अर्पित करें. फिर धूप-अगरबत्ती, ज्योत जलाकर पीले आसन पर बैठकर विष्णु जी से सम्बंधित पाठ पढ़ने के बाद अंत में विष्णु जी की आरती पढ़ें. साथ ही इस दिन विष्णु जी के नाम से गरीबों को खिलाना या दान देना अत्यंत पुण्य-फलदायी होता है.
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