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यहां मंदिर में मूर्ति नहीं, समाधी की होती है पूजा:समस्तीपुर में माता सती मंदिर में दर्शन करने कई राज्यों से आते हैं श्रद्धालु

समस्तीपुर जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूरी पर ध्रुवगामा गांव स्थित माता सती की मंदिर अवस्थित है। यहां मूर्तियों की नहीं समाधियों की पूजा की जाती है, जो सती माता के नाम से प्रसिद्ध है। सती स्थान मंदिर में मां सती की समाधि की पूजा होती है। सती स्थान मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का मुख्य द्वार है। लोग देवी स्वरूप इनकी पूजा करते हैं, लोग माता सती के दर्शन को लेकर समस्तीपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पटना, मुंबई, दिल्ली, नेपाल सहित देश विदेश से यहां पहुंचते हैं।

मंदिर का इतिहास

Sati Mandir (samastipur)


1430 ई० में अगहन शुक्ल सप्तमी मंगलवार को इसी गांव में गति राम सिंह की मृत्यु हो गई थी। उनकी पत्नी चंद्रवती देवी लोगों के मना करने के बाद भी खुद को श्रृंगार से सज सभी को आशीर्वाद देते वह अपने पति के साथ चिता पर बैठ गई और सती हो गई। बताया जाता है कि इनका एक पुत्र भी थे जो बौद्ध राम सिंह के नाम से जाने जाते थे। और यह गूंगे थे।

माता के सती होने पर लोगों को परेशानियां होने लगी परंतु माता सती ने अपने गूंगे बेटे को वाक शक्ति प्रदान की और उन्होंने कहा कि उस वंश के किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसी परिसर में दाह संसार हो। तब से उस वंश के व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसी परिसर में दाह संस्कार भी किया जाता है। आगे चलकर श्रद्धालुओं ने उसी परिसर में हनुमान, माता दुर्गा, काली, पार्वती, शिव की मंदिर का निर्माण किया गया।

इस गांव के लिए माता सती का वरदान भी है। इस गांव में जितनी भी लड़की शादी कर आएगी उसको हमेशाा अपने परिवार में सुख और खुशी मिलेगा। नवरात्र व सावन सोमवारी सहित अन्य अवसर पर यहांं भव्य मेले का आयोजन भी किया जाता है। इस गांव में आज तक माता सती की महिमा से किसी भी प्रकार के आपदा विपत्ति नहीं आई है।

देवी से जुड़ी डकैत की कहानी


यहां के लोग यह भी बताते हैं कि आज से वर्षों पहले गांव में बाहर के डकैत द्वारा गांव में डकैती के लिए आया था, डकैत गांव से डकैती कर माता सती के मंदिर के समीप से होते हुए वापस लौट रहे थे। तभी सभी डकैत अंधे हो गए थे। जिसके बाद सुबह होते ही गांव वालों को इसकी जानकारी मिली इसके बाद आज तक इस गांव में डकैती जैसी घटनाएं नहीं होती है। माता सती के पुजारी भोला गिरी पूजा अर्चना कर रहे हैं। इनका बताना है कि यहां जो भी लोग अपने मन में मनोकामना लेकर आते हैं। माता सती उनकी मनोकामना सदेव पूर्ण करते है।

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