राजस्थानी नेकलेस के डिज़ाइन्स: मॉडर्न और गौरी वर्धन
राजस्थानी नेकलेस के डिज़ाइन्स: मॉडर्न और गौरी वर्धन!
राजस्थान, भारत का राज्य, अपने समृद्ध धरोहर और सांस्कृतिक धर्मों के लिए प्रसिद्ध है। राजस्थानी नेकलेस इस राज्य की बोगता और भव्यता का प्रतीक हैं। ये नेकलेस अपने मॉडर्न और गौरी वर्धन डिज़ाइन्स के लिए मशहूर हैं।
मॉडर्न डिज़ाइन्स: आजकल के राजस्थानी नेकलेस मॉडर्न डिज़ाइन्स में आते हैं जिनमें पोल्की, कुंदन, और प्रैक्टिस्टोन्स का उपयोग होता है। इनमें गोल्ड, सिल्वर और एंटीक फिनिश के मिश्रण से बने अलंकरण शामिल होते हैं।

गौरी वर्धन डिज़ाइन्स: राजस्थान की प्राचीन गौरी वर्धन नेकलेस भी प्रमुख हैं, जिनमें मोती, कुंदन, और मिनाकारी का उपयोग होता है। ये नेकलेस खासतर साड़ियों और लेहंगाचोलियों के साथ पहने जाते हैं।

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राजस्थानी नेकलेस भारतीय संस्कृति और राजस्थान के ऐतिहासिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। यहां, मैं 5 विभिन्न प्रकार के राजस्थानी नेकलेस डिज़ाइन्स के बारे में बता रही हूँ:
1. कुंदन मीणा नेकलेस:
– कुंदन मीणा नेकलेस राजस्थान के मीणा समुदाय की पारंपरिक शृंगारिक आभूषणों में से एक हैं।
– इनमें अमोली रत्नों का प्रयोग किया जाता है और वे विविध रंगों में उपलब्ध होते हैं।

2. लाक नेकलेस:
– ये नेकलेस राजस्थान के जैसलमेर और जोधपुर से प्राप्त होते हैं और लाक (लैक) काम का आदान-प्रदान करते हैं।
– इनमें लकड़ी के आभूषणों पर आकृतियाँ और मोती का काम किया जाता है।

3.थाड़ माला (चोकर माला):
– यह प्राचीन राजपूताना सम्राटों के पसंदीदा नेकलेस में से एक है।
– थाड़ माला का निर्माण पत्थरों, कुंदन, और मोतियों से किया जाता है और यह आकर्षक रूप से सजाता है।

4. जड़ौ माला:
– जड़ौ माला राजस्थान के बांसवाड़ा और बरमेर के जड़ौ स्थल से प्राप्त होती हैं।
– इनमें अद्वितीय रूप से बुने जड़ौ धागों का प्रयोग किया जाता है और वे आकर्षक होती हैं।

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5. थाला नेकलेस:
– थाला नेकलेस बरमेर क्षेत्र की पारंपरिक नेकलेस हैं।
– इनमें छोटे थाले (प्लेट्स) होते हैं, जिन पर मोती, कुंदन, और पत्थरों का काम होता है।

राजस्थानी नेकलेस विशेष अभूषणों का प्रतीक होते हैं और राजस्थानी साड़ी और परिधान के साथ पहने जाते हैं, जो राजस्थानी महिलाओं की पारंपरिक सौन्दर्य को बढ़ावा देते हैं।
FAQs
राजस्थानी संस्कृति में गोल्ड क्या क्या है?
कमर में पहनी जाने वाली तगड़ी आमतौर पर सोने और कभी-कभी कुंदनकारी की हुई होती है। ज्यादातर घंटी के आकार का या गोल आकार का बोरला आमतौर पर मांग का टीका होता है, जो सोने का बना होता है और कुछ कुंदनकारी भी की हुई होती है। सोने का गोलाकार नाक का छल्ला यानी नथ आमतौर पर नाक के बाएं हिस्से में पहनी जाती है।
राजस्थानी आभूषण किसे कहते हैं?
पारंपरिक राजस्थानी सिर के आभूषण को रखड़ी/बोरला (मांग टीका) के नाम से जाना जाता है। बोरला, एक पारंपरिक राजस्थानी आभूषण डिजाइन, अपने गोल या घंटी जैसे आकार के कारण सामान्य मांग टीका से अलग है। बोरला राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध आभूषणों में से एक है!
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