
स्वर कोकिला लता मंगेशकर जीवन परिचय - Lata Mangeshkar biography
लता मंगेशकर की जीवनी
नाम | लता मंगेशकर | |
जन्म | 28 सितम्बर 1929 | इंदौर, मध्यप्रदेश |
माता पिता का नाम | शेवंती मंगेशकर, दीनानाथ मंगेशकर | |
भाई बहन का नाम | मीना, आशा, उषा व हृदानाथ | |
निधन | 6 फ़रवरी 2022 मुंबई | |
आयु | 92 |
लता मंगेशकर जी का पहला गाना
फिल्म का नाम | गाने के बोल | सन |
गजभाऊ (मराठी फिल्म) | माता एक सपूत की दुनिया बदल दे तू (हिंदी गाना) | 1943 |
लता मंगेशकर को मिले प्रमुख अवार्ड (Lata Mangeshkar Singing Awards)
सिविलियन अवार्ड | 1969 में लता जी को पहली बार देश की सरकार द्वारा देश का 3rd नंबर के अवार्ड पद्म भूषण से सम्मानित किया गया.1989 में लता जी को हिंदी सिनेमा के सर्वोच्य अवार्ड दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया.1999 में लता जी को देश का 4th नंबर के अवार्ड पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.2001 में लता जी को देश का सबसे बड़ा सम्मान भारत रत्न ने सम्मानित किया गया.2008 में लता जी को स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ पर one टाइम अवार्ड for लाइफटाइम अचिवेमेंट्स के लिए देश की सरकार द्वारा सम्मानित किया गया. |
नेशनल फिल्म अवार्ड | परिचय (1972) – बेस्ट प्लेबैक सिंगरकोरा कागज (1974) – बेस्ट प्लेबैक सिंगरलेकिन (1990) – बेस्ट प्लेबैक सिंगर |
फिल्म फेयर अवार्ड | फिल्म फेयर अवार्ड में पहले प्लेबैक सिंगर के लिए अवार्ड नहीं होता था, लता जी ने इसका विरोध किया और 1958 से यह अवार्ड जोड़ा गया. इसके बाद लता जी को 6 बार इस अवार्ड से सम्मानित किया गया. |
लता मंगेशकर के 1960 की फेमस फिल्म के गाने (Lata Mangeshkar 1960 hit Songs)
क्रमांक | फिल्म का नाम | गाने के बोल |
1. | मुग़ल ए आजम (1960) | प्यार किया तो डरना क्या |
2. | दिल अपना प्रीत पराई (1960) | अजीब दास्ताँ है ये |
3. | गाइड(1965) | आज फिर जीने की तम्मना हैगाता रहे मेरा दिल (किशोर कुमार जी के साथ) |
4. | ज्वेल थीफ(1967) | होंठो पे ऐसी बात |
लता मंगेशकर के 1970 की फेमस फिल्म के गाने (Lata Mangeshkar 1970 hit Songs)
फिल्म का नाम | गाने के बोल |
पाकीज़ा (1972) | इन्हीं लोगों नेचलते चलते |
प्रेम पुजारी (1970) | रंगीला रे |
शर्मीली (1971) | खिलते है गुल यहाँ |
अभिमान (1973) | पिया बिनातेरी बिंदिया रे |
परिचय(1973) | बीती ना बिताई |
नीलू | कादली चेकाडली |
कोरा कागज | रूठे रूठे पिया |
सत्यम शिवम् सुदरम | सत्यम शिवम् सुदरम |
रुदाली | दिल हुम हुम करे |
स्वर कोकिला लता मंगेशकर – एक प्रतिष्ठित गायिका का जीवन परिचय
1. प्रस्तावना:
स्वर कोकिला लता मंगेशकर भारतीय संगीत की दुनिया में अपनी अद्वितीय गायन कला के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने अपनी गायन साक्षरता को उच्चतम शिखर तक पहुँचाया और एक ऐतिहासिक संगीत करियर बनाया। इस लेख में, हम उनके जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को जानेंगे।
2. जन्म और परिवार:
स्वर कोकिला लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था। उनके पिता का नाम पंडित दीननाथ मंगेशकर था, जो एक क्लासिकल गायक थे। उनका परिवार संगीत से घिरा हुआ था और इसने उनके म्यूजिकल करियर की नींव रखी।

3. संगीत का प्रारंभ:
स्वर कोकिला लता का पहला गाना वर्ष 1942 में फ़िल्म “पहिली मोहब्बत” के लिए गाया था। उनकी आवाज़ के बलबुद पहचाने जाने लगे थे, और उन्होंने धीरे-धीरे संगीत इंडस्ट्री में अपना नाम बनाया।
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4. बॉलीवुड करियर:
स्वर कोकिला लता का बॉलीवुड में करियर एक शानदार गायन करियर के रूप में उभरा। उन्होंने अनगिनत गानों को अपनी आवाज़ द्वारा जीवंत किया, जैसे कि “आवें में लूँ गाँव की गोरी,” “प्यासा” और “दिल वाले दुल्हनिया ले जायेंगे”। उन्होंने वर्ष 1972 में फ़िल्म “पहचान” के लिए नेशनल फ़िल्म अवॉर्ड भी जीता।
5. शिक्षा:
स्वर कोकिला लता ने अपनी म्यूजिकल शिक्षा पिता से प्राप्त की और उन्होंने बाद में संगीत के क्षेत्र में प्रोफेशनल तौर पर कदम रखा।

6. लता मंगेशकर की आवाज़:
उनकी आवाज़ को “स्वर कोकिला” कहा जाता है, क्योंकि वह अपनी गायन की मधुरता और सुदरता के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका विशेष योगदान उनके अल्बम “लग जा गले” के गाने से जुड़ा हुआ है, जिसने उन्हें भारतीय संगीत के मैदान में स्थान दिलाया।
7. साहसी कदम:
लता मंगेशकर ने अपने करियर के दौरान कई बड़े साहसी कदम उठाए, जैसे कि पुरुषों के साथ संगीत करने का अवसर देना और उन्हें दुनियाभर में अपनी गायन कला का संदर्भ देना।
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8. सम्मान और पुरस्कार:
लता मंगेशकर को उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार मिले, जैसे कि दिनेश मुखर्जी पुरस्कार, फ़िल्मफ़ेयर अवॉर्ड, नेशनल फ़िल्म अवॉर्ड, और भारतीय सिनेमा के विकसन में अपने योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा भी सम्मानित किया गया।
9. समापन:
लता मंगेशकर ने अपने करियर के दौरान अपनी अद्वितीय गायन कला से दर्शकों का दिल जीता और उन्होंने संगीत के क्षेत्र में अपना स्थान बनाया। उनका योगदान भारतीय संगीत के इतिहास में अद्वितीय है और उन्हें हमेशा सम्मान और आदर के साथ याद किया जाएगा।

10. निधन:
स्वर कोकिला का निधन 2022 में हुआ था। यहां स्वर कोकिला की मृत्यु के मुख्य कारणों का संक्षेप में उल्लेख किया गया है:
कोविड-19: स्वर कोकिला की मृत्यु का मुख्य कारण कोरोना वायरस से संक्रमण था। वे कोविड-19 से प्रभावित हो गईं थीं और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। स्वर कोकिला का निधन 93 वर्ष की आयु में हुआ था।
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स्वर कोकिला की मृत्यु भारतीय संगीत इंडस्ट्री के एक महत्वपूर्ण स्तम्भ की हानि है और उनका संगीत आज भी हमारे दिलों में बसा हुआ है। उनकी यादें हमें हमेशा याद रहेंगी।
11. संक्षिप्त में:
स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने भारतीय संगीत को अपनी मधुर आवाज़ और अद्वितीय गायन के माध्यम से विश्व स्तर पर प्रस्तुत किया। उनका योगदान संगीत के क्षेत्र में अविस्मरणीय है और उन्हें एक महान गायिका के रूप में स्थान दिलाने के लिए हमें गर्व होता है।
FAQ
क्या लता मंगेशकर दुनिया की सबसे अच्छी गायिका हैं?
‘मेलोडी की रानी’ और ‘भारत कोकिला’ के नाम से मशहूर लता मंगेशकर इस सूची में 84वें स्थान पर हैं। पत्रिका ने लिखा कि गायक ने न केवल भारत में बल्कि अन्य समकालीन कलाकारों को भी प्रेरित किया है।
लता मंगेशकर को भारत रत्न क्यों मिला?
राष्ट्र के प्रति उनकी उपलब्धियों के सम्मान में उन्हें 2001 में भारत रत्न प्राप्त हुआ। लता ने मुख्य रूप से मराठी, हिंदी और बंगाली में गाने गाए, हालांकि उन्होंने 36 से अधिक विभिन्न भारतीय भाषाओं और कुछ विदेशी भाषाओं में भी गाने रिकॉर्ड किए।
लता मंगेशकर ने कितने पुरस्कार जीते?
लता मंगेशकर ने 10 पुरस्कार जीते हैं – 1959 में फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, 1963 में फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, 1966 में फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, 1970 में फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, 1994 में फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, 1995 में फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, 2005 में फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार, 1972 में राष्ट्रीय पुरस्कार, में राष्ट्रीय पुरस्कार। 1990 और 2006 में राष्ट्रीय पुरस्कार।
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