2023 में छठ पूजा कब है, जाने सही डेट और सम्पूर्ण जानकारी
2023 में छठ पूजा की तिथि नक्षत्रिय कैलेंडर और हिन्दू पंचांग के अनुसार निर्धारित की जाती है, जिसे आप निम्नलिखित विवरण के माध्यम से जान सकते हैं:
1. तिथि और समय: छठ पूजा एक महत्वपूर्ण हिन्दू पर्व है, और यह सूर्योदय और सूर्यास्त के समय किया जाता है। 2023 में, छठ पूजा की तिथि 17 नवंबर, शुक्रवार से शुरू होगी और सोमवार, 20 नवंबर, 2023 तक चलेगी।
2. पूजा का महत्व: छठ पूजा बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, और नेपाल में विशेष महत्वपूर्ण है। यह पूजा सूर्य देवता और छठी मां की कृपा के लिए की जाती है।

3. छठ पूजा की विधि: छठ पूजा के अवसर पर भक्त अपनी प्रार्थनाएं करते हैं, और सूर्योदय और सूर्यास्त के समय तट पर जाकर सूर्य देवता की पूजा करते हैं। वे व्रत रखते हैं और सफा और स्वच्छ रहने का पालन करते हैं।
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4. छठ पूजा के पर्व के दिन: छठ पूजा 2023 व्रत तिथियां चार दिवसीय महापर्व की शुरुआत छठ नहाय खाय से होती है, जो इस साल 17 नवंबर शुक्रवार को मनाया जाएगा. दूसरे दिन लोहंडा और खरना है जो शनिवार 18 नवंबर को होगा. तीसरे दिन रविवार 19 नवंबर की शाम को सूर्य देव को संध्या अर्घ्य दिया जाएगा. सोमवार, 20 नवंबर 2023 को चौथे दिन की सुबह उगते सूर्य को उषा अर्घ्य देने के साथ ही यह पर्व समाप्त हो जाएगा।
5. परंपरागत खाना: छठ पूजा के दौरान, व्रती विशेष प्रकार के खाने बनाते हैं और छठ पूजा के पर्व के दिन उन्हें छठी मां के प्रसाद के रूप में चढ़ाते हैं।

6. समाजिक महत्व: छठ पूजा समाज में एकता और सद्गुण की प्रतीक मानी जाती है, जिसमें परिवार के सभी सदस्य एक साथ पूजा में भाग लेते हैं।
7. छठ पूजा के महत्व: छठ पूजा के इस महत्वपूर्ण पर्व के माध्यम से, हिन्दू समुदाय अपनी पारंपरिक और आध्यात्मिक मूल्यों का सम्मान करता है और सूर्य देवता की पूजा करने का अवसर प्राप्त करता है।
छठ पूजा के इस महत्वपूर्ण पर्व के दौरान, लोग सूर्य देवता के प्रति अपनी श्रद्धा और प्रेम का अभिवादन करते हैं, और अपने परिवार के साथ समय बिताते हैं। यह एक ऐसा पर्व है जो समाज को एक साथ आने का अवसर प्रदान करता है और हमारे सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करता है।

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इस पूजा के पर्व के दिन, हम सूर्य देवता के प्रकाश के साथ नई शुरुआत करते हैं और अपने प्रार्थनाओं के साथ नई उम्मीदों की ओर बढ़ते हैं। यह हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हमारी संस्कृति और धार्मिक गतिविधियों का महत्वपूर्ण प्रतीक है।
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